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Kota: रिश्वत मामले में पटवारी को मिली 3 साल की जेल, ACB की टीम ने रंगे हाथों किया था गिरफ्तार

Patwari Laxminarayan Bribe Case: कोटा की एसीबी कोर्ट ने 16 साल पुराने रिश्वत मामले में पटवारी लक्ष्मीनारायण को दोषी मानते हुए 3 साल के कठोर कारावास और 30,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

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कोटा

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Akshita Deora

Sep 27, 2025

Jail

प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फोटो- Patrika)

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की कार्रवाई में 16 साल पुराने रिश्वत मामले में कोटा की ACB विशिष्ट न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पटवारी लक्ष्मीनारायण उर्फ लच्छी को तीन साल के कठोर कारावास और 30 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।

शिकायत के बाद हुई थी ACB की कार्रवाई

सहायक निदेशक अभियोजन जया गौतम ने बताया कि 14 सितंबर 2009 को बारां जिले के शाहाबाद क्षेत्र के देवरी गांव निवासी विष्णु प्रसाद खंगार ने बारां ACB के डीएसपी निहाल सिंह को शिकायत दी थी। शिकायत में कहा गया कि वह अपनी रजिस्ट्री का इंतकाल खुलवाने के लिए पटवारी लक्ष्मीनारायण के पास गया था।

शिकायतकर्ता ने बताया कि पहले सौ रुपए देने पर पटवारी ने 50 रुपए फीस बताकर रख लिए बाकी 50 रुपए भी अपने पास रख लिए। बाद में इंतकाल प्रक्रिया के लिए 1,100 रुपए की रिश्वत मांगी गई।

ट्रैप में पकड़ा गया पटवारी

ACB ने मामले का सत्यापन करवाया जिसमें यह सामने आया कि पटवारी ने पहले 300 रुपए ले लिए और बाकी 1,000 रुपए बाद में मांग लिए।

15 सितंबर 2009 को शिकायतकर्ता विष्णु जब 1,000 रुपए देने पहुंचा तो उसने ACB की योजना के तहत यह रुपए पटवारी को कागज के नीचे रखवा दिए। जैसे ही पटवारी ने पैसे लिए विष्णु ने इशारा किया और ACB की टीम ने पटवारी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

कोर्ट में चला लंबा मुकदमा

ACB ने इस मामले में 12 जुलाई 2010 को कोर्ट में चालान पेश किया। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 12 गवाह पेश किए।

सुनवाई के बाद कोटा की ACB विशिष्ट न्यायालय के विशिष्ट न्यायाधीश ने पटवारी लक्ष्मीनारायण को भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी मानते हुए तीन साल के कठोर कारावास और 30,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।