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Rajasthan: सांभर झील में मौत का सन्नाटा, एक साल बाद फिर एवियन बॉटूलिज्म की दस्तक! 36 परिंदों की मौत

सांभर झील में शीतकाल में प्रवास करने आ रहे देशी-विदेशी परिंदों पर एक साल बाद फिर एवियन बॉटूलिज्म बीमारी का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि अभी तक वन विभाग ने इस बीमारी की पुष्टि नहीं की है लेकिन एक साल बाद फिर से प्रवासी पक्षियों की हो रही रहस्यमयी मौतों ने एक बड़े खतरे के संकेत जरूर दे दिए हैं।

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सांभर झील में प्रवासी परिंदों की मौत,फाइल फोटो

Migratory Birds Die in Sambhar Lake: राजस्थान के नावां शहर स्थित विश्व विख्यात सांभर झील में शीतकाल में प्रवास करने आ रहे देशी-विदेशी परिंदों पर एक साल बाद फिर एवियन बॉटूलिज्म बीमारी का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि अभी तक वन विभाग ने इस बीमारी की पुष्टि नहीं की है लेकिन एक साल बाद फिर से प्रवासी पक्षियों की हो रही रहस्यमयी मौतों ने एक बड़े खतरे के संकेत जरूर दे दिए हैं।

नावां इलाके में बीते सप्ताह 20 से अधिक पक्षी मृत मिले थे। वहीं अब तक 36 परिंदों की मौत रहस्यमयी बीमारी से हो चुकी है। वन विभाग सहित अन्य टीमें 8 विदेशी परिंदों को रेस्क्यू कर नावां पशु चिकित्सालय रेस्क्यू सेंटर लाए। फिलहाल पक्षियों के सैंपल बरेली स्थित लेबोरट्री भेजे गए हैं और जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही रहस्यमयी बीमारी की आधिकारिक पुष्टि हो सकेगी।

10 जोन में ड्रोन से निगरानी शुरू

सांभर झील में प्रवासी परिंदों की मौत के बाद प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) डॉ. ख्याति माथुर ने एसडीएम कार्यालय में पक्षियों के बचाव और राहत कार्य लिए बैठक में लेकर विस्तृत कार्ययोजना तय की। पक्षियों की मौत रोकने के जिए सांभर साल्ट क्षेत्र को 10 अलग-अलग ज़ोन में बांटकर ड्रोन कैमरों से गहन निगरानी की जाएगी, जिससे परिंदों की गतिविधि, जल की गुणवत्ता और पर्यावरणीय परिस्थितियों का वास्तविक समय पर मूल्यांकन किया जा सके। हालांकि इस बीच 15 और पक्षी मृत मिले, जिससे अब मरने वाले पक्षियों की संख्या 36 हो गई है।

सुरक्षा और संरक्षण को लेकर सख्ती

राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने सांभर साल्ट क्षेत्र में एयर रेक्टर्स लगाने का निर्णय किया है, जिससे वातावरण में मौजूद प्रदूषण तत्वों को नियंत्रित किया जा सके। साथ ही क्षेत्र में बाहरी हस्तक्षेप, औद्योगिक अपशिष्ट और अन्य संदिग्ध गतिविधियों पर रोक लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं। वन विभाग एवं प्रदूषण नियंत्रण दल ने सांभर साल्ट क्षेत्र और झील के विभिन्न स्थानों का स्थलीय निरीक्षण कर वहां की परिस्थितियों का प्रत्यक्ष जायजा लिया।

क्या है एवियन बॉटूलिज्म न्यूरोमस्कुलर बीमारी

एवियन बॉटूलिज्म एक गंभीर न्यूरोमस्कुलर बीमारी है जो क्लॉस्ट्रिडियम बॉटूलिज्म नामक जीवाणु से उत्पादित विषाक्त पदार्थों के कारण होती है। यह मुख्य रूप से जलीय पक्षी और मछली खाने वाले पक्षियों में होती है। इस बीमारी से परिंदों के पैर, पंख या गर्दन में लकवा मार जाता है, जिससे परिंदे उड़ नहीं पाते और उनकी मौत हो जाती है।

सांभर ​झील में तीसरी बार ​परिंदों की मौतें

मिली जानकारी के अनुसार सांभर झील में अक्टूबर 2019 में एवियन बॉटूलिज्म न्यूरोमस्कुलर बीमारी की चपेट में आने से 25 हजार से अधिक परिंदों की मौत हुई थी। वहीं अक्टूबर 2024 में भी इसी बीमारी से देशी- विदेशी 500 पक्षियों की मौत हो चुकी है। ऐसे में फिर से परिंदों में इस रहस्यमयी बीमारी के फैलने का खतरा मंडरा रहा है।


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