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ChatGPT कहीं आपको जेल न पहुंचा दे! अब कुछ भी सर्च करने से पहले रखें इन जरूरी बातों का ध्यान

सैम ऑल्टमैन ने चेतावनी दी है कि ChatGPT पर निजी बातें शेयर करना आपको कानूनी मुश्किलों में डाल सकता है। जानें कैसे AI पर अति-निर्भरता, प्राइवेसी गैप और गलत इस्तेमाल आपको कोर्ट या जेल तक पहुंचा सकता है।

भारत

Rahul Yadav

Aug 09, 2025

Can ChatGPT Land You in Jail
Can ChatGPT Land You in Jail (Image: Gemini)

Can ChatGPT Land You in Jail: आज का समय काफी एडवांस हो चुका है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दौर है और लोगों की निर्भरता इस पर तेजी से बढ़ती जा रही है। लोग छोटी-बड़ी परेशानियों से लेकर बड़े फैसलों तक, हर चीज में चैटजीपीटी से सलाह लेने लगे हैं। यह कई बार मददगार साबित होता है लेकिन ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने चेतावनी दी है कि इसका गलत या अति-निर्भर उपयोग आपको मुश्किल में डाल सकता है, यहां तक कि जेल भी हो सकती है। तो ऐसे में आगे से कुछ भी सर्च करने से पहले हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, चलिए जानते हैं।

कानूनी गोपनीयता की गारंटी नहीं

डॉक्टर, वकील या थेरेपिस्ट के साथ हुई बातचीत कानून के तहत सुरक्षित रहती है, लेकिन चैटजीपीटी से हुई चैट पर ऐसा कोई प्रोटेक्शन नहीं है। अगर जरूरत पड़ी तो आपकी चैट अदालत में सबूत के तौर पर इस्तेमाल की जा सकती है।

क्यों हो सकता है जेल का खतरा?

अगर आपने चैटजीपीटी पर ऐसी बातें लिख दीं जो कानून के खिलाफ हैं जैसे अपराध की योजना, साइबर हैकिंग, धोखाधड़ी, धमकी या किसी की निजी जानकारी लीक करना और वह चैट किसी केस में सबूत बन गई तो आपको सजा हो सकती है। AI के साथ हुई बातचीत भी अदालत में आपके खिलाफ इस्तेमाल की जा सकती है।

युवाओं की बढ़ती निर्भरता

सैम ऑल्टमैन ने बताया कि कुछ लोग हर फैसला चैटजीपीटी से पूछकर ही लेते हैं मानो यह उनका निजी सलाहकार हो। उनका मानना है कि यह मानसिक रूप से सेहतमंद आदत नहीं है क्योंकि इससे इंसान की सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो सकती है।

प्राइवेसी का बड़ा गैप

अगर आपने चैट में अपने या किसी और के निजी मामले शेयर किए और वे किसी कानूनी जांच में आ गए तो ओपनएआई को उन्हें साझा करने के लिए मजबूर किया जा सकता है। यह आने वाले समय में बड़ी समस्या बन सकता है।

ऐसे करें चैटजीपीटी का सुरक्षित इस्तेमाल

  • सिर्फ विचारों को व्यवस्थित करने या सामान्य जानकारी के लिए इस्तेमाल करें।
  • संवेदनशील या गोपनीय जानकारी न लिखें।
  • कानूनी और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े गंभीर मामलों में इंसानी विशेषज्ञ से सलाह लें।
  • AI पर अंधा भरोसा न करें खुद भी सोचें और और भी कोई भी निर्णय लें।