
WhatsApp New Rule in Hindi (Image: Freepik)
WhatsApp New Rule in Hindi: अगर आप भी उन करोड़ों लोगों में शामिल हैं जो ऑफिस में काम करते समय फोन छोड़कर लैपटॉप या कंप्यूटर पर 'व्हाट्सऐप वेब' के जरिए चैटिंग करते हैं तो यह खबर आपका मूड खराब कर सकती है। अब एक बार लॉग-इन करके हफ्तों तक बिना रोक-टोक वॉट्सऐप चलाने की सुविधा खत्म होने जा रही है।
सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक नया फरमान जारी किया है जो आपके चैटिंग एक्सपीरियंस को पूरी तरह बदलने वाला है। चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला?
नए फरमान के मुताबिक, व्हाट्सऐप, टेलीग्राम और सिग्नल जैसे ऐप्स को अपनी सुरक्षा नीतियां बदलनी होंगी। इसका सबसे बड़ा असर वेब यूजर्स पर पड़ेगा। अब अगर आप कंप्यूटर पर व्हाट्सऐप चला रहे हैंतो सिस्टम आपको हर 6 घंटे में अपने आप लॉग-आउट कर देगा।
यानी, दिनभर की शिफ्ट में आपको कम से कम दो बार अपना फोन निकालना पड़ेगा और दोबारा QR कोड स्कैन करके लॉग-इन करना होगा। यह नियम सिर्फ व्हाट्सऐप नहीं, बल्कि टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे दूसरे ऐप्स पर भी लागू होगा।
सरकार जिस नई टेक्नोलॉजी को लागू करवा रही है, उसे तकनीकी भाषा में 'सिम बाइंडिंग' कहा जाता है। चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
अभी क्या होता है?
आप एक बार फोन में व्हाट्सऐप चालू कर लेते हैं तो भले ही आप सिम कार्ड निकाल दें या वाई-फाई पर चलाएं, आपका ऐप चलता रहता है। लेकिन नया नियम कहता है कि "ऐप तभी चलेगा, जब सिम फोन के अंदर हो।"
कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि ऐप और सिम कार्ड का कनेक्शन लगातार बना रहना चाहिए। अगर सिम कार्ड फोन से अलग हुआ, तो ऐप काम करना बंद कर देगा।
आपके मन में सवाल होगा कि आखिर इतने झंझट की जरूरत क्या है? तो इसका जवाब सिक्योरिटी यानि सुरक्षा है। सरकार ने कहा है, आजकल ऑनलाइन फ्रॉड बहुत बढ़ गए हैं। ठग अक्सर ऐसे नंबरों से व्हाट्सऐप चलाते हैं जिनका सिम उनके पास होता ही नहीं है या वो देश के बाहर बैठे होते हैं। सरकार चाहती है कि जिस नंबर से ऐप चल रहा है वह सिम उसी डिवाइस में मौजूद हो ताकि फ्रॉड करने वाले को आसानी से ट्रैक किया जा सके।
दूरसंचार विभाग ने इन टेक कंपनियों (WhatsApp, Telegram, Signal आदि) को अपना सिस्टम अपडेट करने के लिए 90 दिनों (करीब 3 महीने) का समय दिया है।
इस फैसले से ट्रैवल करने वालों की मुसीबत बढ़ सकती है। अभी तक लोग विदेश जाकर वहां का लोकल सिम लगा लेते थे और उनका भारतीय नंबर वाला व्हाट्सऐप वाई-फाई पर चलता रहता था। इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि नए नियम के बाद यह सुविधा खत्म हो सकती है। अगर भारतीय सिम फोन में नहीं हुआ तो शायद पुराना व्हाट्सऐप एक्सेस न हो पाए।
कुल मिलाकर, सरकार की मंशा साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की है लेकिन आम यूजर के लिए यह 'सुविधा' से ज्यादा 'सिरदर्दी' साबित हो सकता है। अब देखना यह है कि व्हाट्सऐप जैसी ग्लोबल कंपनियां भारत के इस नियम को अपने सिस्टम में कैसे फिट करती हैं।
Updated on:
01 Dec 2025 09:35 am
Published on:
01 Dec 2025 09:34 am
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