
UPI Limit Increase on PhonePe, Google Pay and Paytm (Image: Paytm)
UPI Limit Increase: टेक्नोलॉजी के इस दौर में मोबाइल ही नया वॉलेट बन गया है। हमें चाहे सब्जी खरीदना हो, पेट्रोल डलवाना हो या फिर ऑनलाइन EMI भरनी हो ये सभी काम UPI से मिनटों में हो जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी नोटिस किया है कि किसी दोस्त के ऐप से 1 लाख रुपये ट्रांसफर हो जाता है और आपके फोन में 25,000 रुपये से ऊपर पेमेंट करने पर फेल हो जाता है। असल में, यह Google Pay, PhonePe या Paytm ऐप की दिक्कत की वजह से नहीं है। यह सब बैंक तय करता है। चलिए जानते हैं कैसे काम करता है पूरा सिस्टम और आप अपनी लिमिट को कैसे बढ़ा सकते हैं।
ज्यादातर यूजर्स को लगता है कि UPI ऐप में जाकर लिमिट बढ़ाई जा सकती है लेकिन हकीकत यह है कि ऐप सिर्फ बैंक की तय की गई सीमा को फॉलो करता है। हर बैंक अपनी रिस्क पॉलिसी, ग्राहक प्रोफाइल और आरबीआई गाइडलाइन के मुताबिक डेली लिमिट और हर ट्रांजेक्शन की लिमिट तय होती है।
इसलिए अगर आपके बैंक की लिमिट 25,000 रुपये है तो कोई भी ऐप चाहे वह Google Pay हो या Paytm उससे ज्यादा की राशि ट्रांसफर नहीं कर पाएगा। दूसरी तरफ किसी दूसरे बैंक का ग्राहक एक बार में 1 लाख रुपये तक भेज सकता है।
अक्सर ऐप्स यह नहीं बताते कि लिमिट कम क्यों है, सिर्फ इतना दिखाते हैं कि आप एक दिन में कितना भेज सकते हैं। अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपकी लिमिट कितनी है तो अपने बैंक ऐप में जाकर ‘Fund Transfer’ या ‘UPI Settings’ सेक्शन ओपन करें। वहां आपको 'Transaction Limit' लिखा मिलेगा। अगर बैंक ने 1 लाख रुपये की अनुमति दी है तो आपके सभी UPI ऐप भी वही लिमिट दिखाएंगे। अगर बैंक ने 25,000 रुपये की कैप लगाई है तो ऐप उसे ओवरराइड नहीं कर पाएंगे।
Google Pay और PhonePe जैसे ऐप आपको 'View UPI Limit' दिखाते हैं। अगर हाल ही में किसी सिक्योरिटी की वजह से आपकी लिमिट घटाई गई है तो ऐप से आप 'Refresh Limit' कर सकते हैं। सिक्योरिटी कारणों की बात करें तो जैसे गलत PIN डालना या नया मोबाइल नंबर ऐड करना भी हो सकता है।
लिमिट रिफ्रेश करते समय सिस्टम आपको दोबारा UPI PIN डालने को कहेगा, यह एक तरह का सिक्योरिटी चेक होता है जिससे आपकी पहचान कन्फर्म होती है।
इसी तरह Paytm में 'Bank Account Details' पेज पर भी यही जानकारी दिखती है। वहां बताया जाता है कि आपकी लिमिट क्यों घटी है और आप कब इसे फिर से बढ़ा सकते हैं।
हर बैंक ग्राहक के इस्तेमाल के तरीके और सुरक्षा को देखकर लिमिट तय करता है। अगर आपने हाल ही में मोबाइल या सिम बदला है या कई बार गलत UPI PIN डाला है तो बैंक सुरक्षा के लिए कुछ समय के लिए आपकी लिमिट घटा सकता है।
कभी-कभी सुरक्षा कारणों से बैंक ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ रखता है। यानी नया बेनिफिशियरी जोड़ने या डिवाइस बदलने के बाद कुछ घंटे या दिन तक बड़ी ट्रांजैक्शन नहीं किया जा सकता है।
कुछ बैंक ग्राहकों को अपने ऐप में ही लिमिट एडिट करने का विकल्प देते हैं। आप 'Manage UPI Limits' या 'Fund Transfer Settings' सेक्शन में जाएं। यहां आपको लिमिट बदलने का ऑप्शन मिलेगा। अगर बैंक ने अनुमति दी तो लिमिट बढ़ाने के बाद आपके सभी UPI ऐप अपने-आप कुछ मिनट में अपडेट हो जाएंगे।
अगर ऐप में यह विकल्प नहीं दिख रहा है तो इसका मतलब है कि आपका बैंक अपनी पालिसी के तहत लिमिट तय कर चुका है। इसे आप खुद बदल नहीं सकते।
अगर बड़ी राशि का पेमेंट बार-बार फेल हो रहा है तो चिंता न करें। त्योहारों या ज्यादा ट्रैफिक के समय बैंक सुरक्षा के लिए कुछ देर के लिए लिमिट घटा देता है। ऐसे में UPI दोबारा ट्राय करने के बजाय Net Banking, IMPS या RTGS से भुगतान करें। ये तरीके बड़े ट्रांजेक्शन के लिए ज्यादा भरोसेमंद और तेज होते हैं।
Published on:
12 Nov 2025 08:16 pm
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