Ice cream Vs Gelato: गर्मियों में कुछ ठंडा और मीठा खाने का मन करे, तो अक्सर हमारा ध्यान सीधा आइसक्रीम या जेलाटो की तरफ चला जाता है। ये दोनों ही ठंडी मिठास भरी चीजें स्वाद में तो बेहतरीन होती हैं, लेकिन जब बात वजन घटाने की हो, तो हमें सोच-समझकर चुनाव करना चाहिए। अक्सर लोगों के मन में ये सवाल आता है कि वजन कम करने की चाह रखने वालों के लिए आइसक्रीम सही है या जेलाटो? चलिए जानते हैं इन दोनों के बीच के अंतर और कौन-सी हेल्दी चॉइस हो सकती है।
आइसक्रीम का बेसिक फॉर्मूला दूध, क्रीम और शक्कर से बनता है। इसमें फैट की मात्रा अधिक होती है, खासकर सैचुरेटेड फैट, जो लंबे समय तक अधिक मात्रा में लेने से दिल की बीमारियों, मोटापा और डायबिटीज टाइप 2 का खतरा बढ़ा सकता है।इसके अलावा, आइसक्रीम को फ्रीज करते समय इसमें हवा भरी जाती है, जिससे ये हल्की और फूली हुई लगती है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि इसकी कैलोरी कम है। एक छोटी कटोरी आइसक्रीम भी आसानी से 200-300 कैलोरी तक पहुंच सकती है।
जेलाटो मूल रूप से इटली से आया एक डेयरी डेजर्ट है, जो अब भारत में भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसका टेक्सचर आइसक्रीम से ज्यादा क्रीमी और स्मूद होता है, क्योंकि इसे कम हवा के साथ धीमी गति से फ्रीज किया जाता है।जेलाटो में आमतौर पर क्रीम की जगह दूध का इस्तेमाल ज्यादा होता है, जिससे इसमें फैट की मात्रा कम होती है। इसका मतलब है कि जेलाटो की कुल कैलोरी आइसक्रीम से थोड़ी कम हो सकती है। लेकिन ध्यान दें स्वाद और टेक्सचर बनाए रखने के लिए इसमें भी चीनी डाली जाती है, जो कैलोरी बढ़ा सकती है।
अगर आप वजन घटाने की प्रक्रिया में हैं और कुछ मीठा खाने का मन कर रहा है, तो जेलाटो एक बेहतर विकल्प हो सकता है लेकिन मात्रा का ध्यान रखें।जेलाटो में फैट कम होता है, लेकिन फिर भी शुगर होती है।आइसक्रीम में फैट और कैलोरी दोनों ज्यादा होते हैं, इसलिए डाइटिंग के दौरान इसे सीमित मात्रा में ही लें। अगर आप डायरी प्रोडक्ट्स से परहेज करते हैं, तो जेलाटो की जगह सॉरबेट या फ्रूट-बेस्ड पॉप्सिकल्स आपके लिए बेहतर और कम कैलोरी विकल्प हो सकते हैं।
Updated on:
07 Aug 2025 03:34 pm
Published on:
07 Aug 2025 02:58 pm