Air pollution heart disease risk|फोटो सोर्स – Patrika.com
Pollution Effect Heart: सर्दियों के आते ही देश के बड़े शहरों में वायु प्रदूषण का असर तेजी से बढ़ने लगता है, खासकर दिल्ली-एनसीआर स्मॉग की चादर में लिपटा नजर आता है। इसके कारण लाखों लोगों को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है, जैसे सांस लेने में दिक्कत, गले में खराश और आंखों में जलन।
अक्सर हम मानते हैं कि वायु प्रदूषण केवल फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, लेकिन सच यह है कि यह हमारे दिल की सेहत को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। एक हालिया रिसर्च में पाया गया है कि हवा में मौजूद सूक्ष्म कण हमारे शरीर में प्रवेश करके गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।आइए जानते हैं ऐसे प्रदूषण से बचाव और खुद को सुरक्षित रखने के कुछ आसान और असरदार उपाय।
दिल को कैसे नुकसान पहुंचाता है प्रदूषण?
New England Journal of Medicine के अनुसार, वायु प्रदूषण में मौजूद बारीक कण (PM₂.₅, PM₁₀) और हानिकारक गैसें (जैसे CO, NO₂, ओजोन) शरीर में जाकर ब्लड फ्लो को प्रभावित करती हैं। ये सूजन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सेल डैमेज का कारण बनते हैं। इससे ब्लड प्रेशर, धमनियों में ब्लॉकेज और खून के थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है, जो हार्ट अटैक या स्ट्रोक को ट्रिगर कर सकता है।
New England Journal of Medicine और American Heart Association (AHA) की रिपोर्ट्स बताती हैं कि वायु प्रदूषण से दिल को कई तरह की बीमारियों का खतरा होता है।The Lancet Commission (2022) की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में दुनियाभर में वायु प्रदूषण से 90 लाख मौतें हुईं, जिनमें से लगभग 62% मौतें दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण थीं।
भारत उन देशों में शामिल है जहां वायु प्रदूषण सबसे तेजी से लोगों की सेहत पर असर डाल रहा है। WHO के अनुसार, देश के कई शहरों में AQI (Air Quality Index) लगातार 'खराब' या 'बेहद खराब' श्रेणी में रहता है। महानगरों में रहने वाले लोग प्रदूषण की वजह से तेजी से कार्डियक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में हृदय रोगों की बढ़ती दर के पीछे एक बड़ा कारण वायु प्रदूषण भी है।
Published on:
04 Oct 2025 12:28 pm
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