
UP Weather Update (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)
Cyclone Mountha Turns UP Weather Upside Down: लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मोंथा चक्रवात के कारण मौसम ने अचानक करवट ले ली है। बृहस्पतिवार सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे और रुक-रुककर बारिश होती रही। तेज हवाओं के साथ हुई बरसात ने जहां लोगों को ठंड का अहसास कराया, वहीं किसानों की चिंता बढ़ा दी है। धान की फसल अपने अंतिम चरण में है और खेतों में कटाई चल रही थी, लेकिन इस बारिश ने मेहनत पर पानी फेर दिया है।
राजधानी लखनऊ में सुबह से ही मौसम बदला-बदला रहा। पहले हल्की बूंदाबांदी और फिर तेज हवा के झोंकों के साथ हुई बारिश ने फिजाओं में ठंड घोल दी। तापमान में करीब 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि मोंथा चक्रवात का असर फिलहाल बृहस्पतिवार तक ही रहेगा। शुक्रवार से मौसम सामान्य हो जाएगा और आसमान साफ होने की संभावना है।
बाराबंकी, गोंडा, अंबेडकरनगर और बहराइच जिलों में किसानों के चेहरों पर चिंता साफ झलक रही है। कई जगहों पर खेतों में कटे हुए धान के पूले पड़े हैं जो अब भीग गए हैं। इससे दाने सड़ने और अंकुरित होने का खतरा है। बाराबंकी के सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के किसान रामसेवक, लव कुश, पवन और सुनील ने बताया कि बेमौसम बारिश ने फसल बर्बादी की आशंका बढ़ा दी है। “धान की फसल अब कटाई के लिए तैयार थी, लेकिन बारिश ने काम रोक दिया है। खेतों में पानी भर गया है और धान गिरने लगा है,” उन्होंने कहा।
अंबेडकरनगर जिले में बुधवार रात से जारी बारिश ने किसानों के काम को ठप कर दिया है। धान की कटाई जहां पूरी नहीं हो पाई, वहीं आलू की बोआई और गेहूं की बुवाई भी प्रभावित हुई है। खेतों में पानी भर जाने से किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। किसान रघुवर सिंह ने कहा, “धान के पूले खेत में पड़े हैं, बारिश ने सब भिगो दिया। अगर धूप नहीं निकली तो पूरा नुकसान तय है।
हवाओं से बढ़ी ठंड, तेज हवाओं के कारण तापमान में अचानक गिरावट आई है। लखनऊ में अधिकतम तापमान 28 से घटकर 23 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। न्यूनतम तापमान 19 डिग्री दर्ज किया गया। सुबह और शाम के समय ठंडक बढ़ गई है। मौसम विभाग के अनुसार, मोंथा तूफान बंगाल की खाड़ी से उठकर मध्य भारत होते हुए उत्तर प्रदेश तक पहुंचा है। इसके चलते नमी बढ़ी और हवाओं की दिशा बदल गई।
कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि कटे हुए धान को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं। यदि खेतों में पानी भर गया है तो जल निकासी की व्यवस्था करें ताकि फसल को सड़ने से बचाया जा सके। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि किसानों को मौसम के अगले 48 घंटों पर निगरानी रखनी चाहिए। फसल बीमा योजना के तहत यदि नुकसान होता है तो उसका दावा किया जा सकता है।
मौसम में आए बदलाव का असर मंडियों में भी दिखने लगा है। लखनऊ और बाराबंकी मंडी में धान की आवक घट गई है। व्यापारी धान खरीदने से परहेज कर रहे हैं क्योंकि गीली फसल से दाने की गुणवत्ता घट जाती है। इससे बाजार भाव पर भी असर पड़ा है। किसानों को अब इंतजार है कि मौसम जल्द सामान्य हो जाए ताकि वे फसल काटकर बेच सकें।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, “मोंथा चक्रवात के कारण पश्चिमी हवाओं का प्रभाव बढ़ गया है। इससे प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हुई है। यह असर अस्थायी है और शुक्रवार से मौसम साफ हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस समय किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि बेमौसम बारिश फसलों की गुणवत्ता पर गहरा असर डालती है। किसानों का कहना है कि अगर अगले 24 घंटे में बारिश थम जाए और धूप निकल आए तो फसल को बचाया जा सकता है।
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Published on:
30 Oct 2025 07:22 pm
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