
आईटी सिटी में जल्द लॉन्च होंगे ईडब्ल्यूएस–एलआईजी भवन, उपाध्यक्ष ने अधूरे विकास कार्यों पर जताई कड़ी नाराज़गी (फोटो सोर्स : LDA Whatsapp Group)
EWS Housing Lucknow: राजधानी लखनऊ में शहीद पथ के आसपास तेजी से विकसित हो रहे इंटीग्रेटेड टाउनशिप प्रोजेक्टों की प्रगति को परखने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने गुरुवार को अमरावती आईटी सिटी और ओमैक्स रेजीडेंसी का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) और एलआईजी (निम्न आय वर्ग) के लिए प्रस्तावित भवनों के निर्माण की धीमी गति पर गंभीर चिंता जताई। साथ ही निर्देश दिए कि दोनों टाउनशिप में ईडब्ल्यूएस–एलआईजी श्रेणी के भवनों को प्राथमिकता के आधार पर तेजी से पूरा कर जल्द लॉन्च किया जाए। उपाध्यक्ष ने स्पष्ट कहा कि दुर्बल और अल्प आय वर्ग के लोगों को आवास उपलब्ध कराना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए इस श्रेणी की परियोजनाओं में किसी प्रकार की देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
एलडीए के मुख्य नगर नियोजक के.के. गौतम के अनुसार, अमरावती ग्रुप द्वारा शहीद पथ के समीप ग्राम मस्तेमऊ व बक्कास में लगभग 115 एकड़ भूमि पर आईटी सिटी टाउनशिप विकसित की जा रही है। उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने सबसे पहले इसी परियोजना का निरीक्षण किया। निरीक्षण में पाया गया कि आंतरिक सड़कों का निर्माण अधूरा था। दो स्थानों पर एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) के लिए भूमि खरीदी गई, लेकिन एक एसटीपी का निर्माण केवल भू-तल तक पहुंचा था,दूसरे एसटीपी का निर्माण अभी शुरू भी नहीं किया गया। विद्युत सब स्टेशन का निर्माण भी अधूरा पड़ा था। टाउनशिप में कई आवश्यक विकास कार्य समय सीमा से काफी पीछे चल रहे थे। इन कमियों पर उपाध्यक्ष ने स्पष्ट नाराज़गी जताई और विकासकर्ता को निर्देश दिया कि सभी लंबित कार्यों को तय समयसीमा में पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि टाउनशिप विकास में इस तरह की सुस्ती से हजारों भविष्य के निवासियों को समस्या होगी और यह स्वीकार्य नहीं है।
समीक्षा के दौरान यह भी सामने आया कि अमरावती ग्रुप ने अभी तक निर्धारित विकास शुल्क भी जमा नहीं किया है। इस पर उपाध्यक्ष ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि बकाया धनराशि की वसूली शीघ्र की जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि विकास शुल्क, बाहरी संरचनाओं और सुविधाओं के निर्माण के लिए अत्यंत आवश्यक है, इसलिए इसमें देरी अस्वीकार्य है। इसके साथ ही उन्होंने आदेश दिया कि अमरावती आईटी सिटी में सभी मॉरगेज/बंधक संपत्तियों का एक सप्ताह के भीतर सत्यापन कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
निरीक्षण के दूसरे चरण में उपाध्यक्ष ने शहीद पथ पर पुलिस मुख्यालय के पीछे करीब 103 एकड़ भूमि में ओमेक्स ग्रुप द्वारा विकसित की जा रही टाउनशिप का निरीक्षण किया। यहां भी कई गंभीर कमियां पाई गईं।
इन स्थितियों पर उपाध्यक्ष ने ओमेक्स ग्रुप से जवाब तलब किया और स्पष्ट अल्टीमेटम दिया कि दो महीने के भीतर सभी सड़कों की मरम्मत और निर्माण कार्य पूरी तरह से संपन्न कर दिए जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि भूमि विवाद का शीघ्र समाधान कर पार्क और हरित क्षेत्र का विकास तुरंत आरंभ किया जाए। उपाध्यक्ष ने कहा कि टाउनशिप में हरित क्षेत्र और सार्वजनिक सुविधाएं अनिवार्य हैं, इन्हें नजरअंदाज करना नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
दोनों टाउनशिप में ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के आवासों का निर्माण काफी धीमी गति से पाया गया। इस पर उपाध्यक्ष ने विकासकर्ताओं को निर्देश दिया कि निर्माण की रफ्तार बढ़ाई जाए,गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित किया जाए, और नियत समय में प्रोजेक्ट पूरा कर के भवन लॉन्च किए जाएं।
उन्होंने कहा कि शहर की तेजी से बढ़ती आबादी और आवासीय जरूरतों को देखते हुए यह बेहद आवश्यक है कि कमजोर वर्ग के परिवारों को जल्द से जल्द सस्ती कीमत पर आवास उपलब्ध हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस श्रेणी के लिए आवंटन और निर्माण में किसी भी तरह की हीला हवाली पर कार्रवाई की जाएगी।
उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने निरीक्षण के दौरान यह स्पष्ट किया कि टाउनशिप विकास कार्यों में लापरवाही या देरी स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि बिजली स्टेशन, सड़कों, एसटीपी, पार्क, और सामुदायिक सुविधाओं का समय पर निर्माण टाउनशिप की गुणवत्ता और रहने योग्य वातावरण के लिए जरूरी है। उन्होंने दोनों कंपनियों को निर्देश दिया कि वे प्राधिकरण के साथ समन्वय स्थापित कर समयसीमा के भीतर सभी अधूरे कार्यों को पूरा करें। इसके साथ ही एलडीए के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि नियमित अंतराल पर इन परियोजनाओं की निगरानी की जाए और प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
ईडब्ल्यूएस व एलआईजी वर्ग के लोगों के लिए आवास उपलब्ध कराना सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। उपाध्यक्ष ने कहा कि टाउनशिप डेवल पर्स को इस दिशा में तेजी से काम करना चाहिए। प्रोजेक्टों में देरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को सीधे प्रभावित करती है। भविष्य में समय सीमा का पालन न करने वाले विकासकर्ताओं पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। एलडीए ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सभी बंधक/मॉरगेज संपत्तियों का सत्यापन किया जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर उनके माध्यम से बकाया विकास शुल्क की वसूली भी की जाएगी।
Published on:
21 Nov 2025 08:29 am
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