Independence Day: स्वतंत्रता दिवस 2025 पर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के दो अधिकारियों को उनकी अद्वितीय सेवाओं और उत्कृष्ट योगदान के लिए “सराहनीय सेवा पदक” से सम्मानित किया गया। लखनऊ के JR RPF अकादमी से जुड़े सहायक सुरक्षा आयुक्त (प्रशिक्षण) अनिल कुमार पांडेय और सहायक उप-निरीक्षक महेंद्र कुमार को यह सम्मान उनकी निष्ठा, नेतृत्व क्षमता और असाधारण उपलब्धियों के लिए प्रदान किया गया।
अनिल कुमार पांडेय- प्रशिक्षण व्यवस्था को नई ऊंचाई पर पहुंचाने वाले अधिकारी
अनिल कुमार पांडेय ने 1992 में उप-निरीक्षक के रूप में RPF सेवा की शुरुआत की और पिछले 33 वर्षों में रेलवे सुरक्षा बल की प्रशिक्षण व्यवस्था को आधुनिक, सुदृढ़ और प्रभावी बनाने में अहम भूमिका निभाई। वर्तमान में वे JR RPF अकादमी, लखनऊ में सहायक सुरक्षा आयुक्त (प्रशिक्षण) के पद पर कार्यरत हैं।
अनिल कुमार पांडेय ने "ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स" कार्यक्रम की शुरुआत कर एक नया अध्याय रचा। इस पहल के तहत उन्होंने पूरे देश में RPF के 350 से अधिक प्रशिक्षक तैयार किए, जिससे प्रशिक्षण व्यवस्था की गुणवत्ता और प्रभावशीलता में व्यापक सुधार हुआ।
वे भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी (NAIR), वडोदरा में एकमात्र RPF संकाय सदस्य के रूप में कार्यरत रहे। इस दौरान उन्होंने परिसर सुरक्षा, स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय और प्रोटोकॉल प्रबंधन में बेहतरीन योगदान दिया। उनके प्रयासों के लिए उन्हें NAIR पदक से सम्मानित किया गया, जो उनकी पेशेवर दक्षता और नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है।
सहायक उप-निरीक्षक महेंद्र कुमार ने 1999 में सेवा ज्वाइन की और अपने साहसिक कार्यों से कई अहम उपलब्धियां हासिल कीं। वे टिकट दलाली रैकेट का भंडाफोड़ करने, नशीले पदार्थों (गांजा) की जब्ती और हवाला नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए जाने जाते हैं।
महामारी के कठिन दौर में महेंद्र कुमार ने यात्रियों की सहायता के लिए लगातार सेवा दी। इस दौरान उन्होंने जरूरतमंद यात्रियों को सुरक्षित पहुंचाने, भोजन और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने में सक्रिय भूमिका निभाई।
2021 से वे JR RPF अकादमी में प्रशिक्षण कार्य और कंप्यूटर लैब के संचालन में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने परेड की तैयारी और अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट में भी अपनी सेवाएं दीं, जिससे RPF की छवि को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली।
दोनों अधिकारियों के कार्य यह दिखाते हैं कि रेलवे सुरक्षा बल केवल सुरक्षा व्यवस्था का प्रहरी नहीं है, बल्कि प्रशिक्षण, तकनीक और मानव संवेदना का भी आदर्श उदाहरण है।
देश की आज़ादी के 78 वें वर्ष में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर इन दोनों अधिकारियों को "सराहनीय सेवा पदक" प्रदान किया गया। यह सम्मान केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों का ही नहीं, बल्कि पूरे RPF बल के गौरव का प्रतीक है।
इन दोनों अधिकारियों की सेवाएं न केवल रेलवे सुरक्षा बल के लिए प्रेरणा हैं, बल्कि यह इस तथ्य का भी प्रमाण हैं कि कड़ी मेहनत, ईमानदारी और दूरदृष्टि हमेशा सम्मान दिलाती है।
Published on:
14 Aug 2025 11:35 pm