सपा, भाजपा और कांग्रेस पर बोला तीखा हमला, कहा – बाबा साहेब और कांशीराम का सपना पूरा करना अब बहुजन समाज का लक्ष्य (फोटो सोर्स : Whatsapp )
Mayawati Statement BSP Rally: बहुजन समाज पार्टी ( BSP ) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को लखनऊ के कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित विशाल जनसभा में एक बार फिर अपने पुराने तेवर दिखाए। यह अवसर था बहुजन नायक कांशीराम जी की पुण्यतिथि का लेकिन मंच पर मायावती का भाषण पूरी तरह चुनावी तेवरों में लिपटा नजर आया। जनसभा में उमड़ी लाखों की भीड़ को देखकर मायावती का आत्मविश्वास झलक उठा। उन्होंने कहा कि यह भीड़ बताती है कि कांशीराम जी का मिशन आज भी जिंदा है और बहुजन समाज के लोग अब सत्ता की “मास्टर चाबी” दोबारा अपने हाथ में लेने के लिए तैयार हैं।
अपने भाषण में मायावती ने कहा कि जब तक सत्ता की मास्टर चाबी बहुजन समाज के हाथ में नहीं होगी, तब तक बाबा साहेब और कांशीराम जी का सपना अधूरा रहेगा। अब हमें एकजुट होकर फिर से सत्ता हासिल करनी होगी, ताकि दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समाज का वास्तविक विकास हो सके। उन्होंने कहा कि आज भी गरीब और शोषित वर्ग हाशिये पर है। आरक्षण की व्यवस्था का लाभ पूरा नहीं मिल रहा, प्रमोशन में आरक्षण लागू नहीं हो पा रहा है। सरकारें बदलती हैं लेकिन बहुजन समाज की स्थिति नहीं बदलती।
मायावती ने अपने भाषण में तीनों प्रमुख राजनीतिक दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सपा, भाजपा और कांग्रेस तीनों ही बहुजन समाज के “वास्तविक विरोधी” हैं। उन्होंने कहा कि सपा जब सत्ता में थी, तब गुंडे और माफिया खुलेआम घूमते थे। जनता डर में जीती थी। आज भाजपा की सरकार में भी स्थिति बेहतर नहीं है। फर्क सिर्फ चेहरे का है, नीतियों में नहीं। कांग्रेस पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर को संसद में नहीं पहुंचने दिया गया, उन्हें भारत रत्न देने में कांग्रेस ने देरी की। इमरजेंसी के दौरान संविधान को कुचलने वाली कांग्रेस आज संविधान बचाने का नाटक कर रही है।
मायावती ने समाजवादी पार्टी पर तीखे शब्दों में हमला करते हुए कहा कि सपा ने हमेशा कांशीराम जी के आदर्शों का अपमान किया। सपा सरकार में स्मारकों और पार्कों की हालत खराब की गई। बाबा साहेब अंबेडकर और कांशीराम जी के नाम पर बने स्थलों की देखरेख तक नहीं की गई। यह दलित समाज के आत्मसम्मान पर हमला था।”
मायावती ने कहा कि देश में बढ़ती बेरोजगारी, गरीबी और सामाजिक असमानता को खत्म करने का काम सिर्फ BSP कर सकती है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा कानून-व्यवस्था को सर्वोपरि रखा, जबकि अन्य दलों ने अपराधियों को संरक्षण दिया। बीएसपी की सरकार में गुंडों की जगह जेल में होती थी, लेकिन आज अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है। यूपी में आम जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है।
मायावती ने एक बार फिर ईवीएम प्रणाली पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जब तक वोटिंग मशीनें है, निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं। अगर ईवीएम खत्म हो जाए, तो बहुजन समाज पार्टी को पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद BSP सबसे पहले आरक्षण को मजबूत, संविधान की रक्षा और दलित-पिछड़े वर्गों के अधिकारों की गारंटी सुनिश्चित करेगी।
अपने भाषण के दौरान मायावती ने केंद्र सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हालिया पहलगाम आतंकी हमले अगर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होती, तो रोका जा सकता था। केंद्र सरकार को सुरक्षा नीति और आर्थिक नीति दोनों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। अमेरिकी टैरिफ नीति पर निर्भर रहना खतरनाक है। हमें स्वदेशी नीति अपनानी चाहिए, लेकिन वह केवल नारों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए।
मायावती ने मुस्लिम समाज के प्रति सहानुभूति जताते हुए कहा कि उनका विकास रुक गया है और उनकी सुरक्षा खतरे में है। मुस्लिम समाज को भी अब बहुजन आंदोलन से जुड़ना होगा। बाबा साहेब ने हमेशा सभी मजहबों को समानता का अधिकार दिया। बीएसपी वही रास्ता अपनाती है, सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय।
मायावती ने कहा कि आज की राजनीति में एक-दूसरे को नीचा दिखाने की प्रवृत्ति बढ़ी है। राजनीति में अब ‘आई लव यू’ और ‘आई हेट यू’ की जगह नहीं होनी चाहिए। समाज को विकास और समानता की राजनीति चाहिए। संविधान हमारा मार्गदर्शक है और सबको उसी रास्ते पर चलना चाहिए।
कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित इस रैली में प्रदेश के कोने-कोने से कार्यकर्ता पहुंचे। मंच के चारों ओर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। भीड़ देखकर मायावती ने कहा कि यह भीड़ दिखा रही है कि कांशीराम जी का मिशन अभी जिंदा है। बाबा साहेब का सपना पूरा करने के लिए यह जनता अब जाग चुकी है। उन्होंने व्यंग्य में कहा कि बीजेपी सरकार की हम आभारी हैं, जिन्होंने रैली स्थल की मरम्मत कराई। वरना टिकट का पैसा भी मरम्मत में ही लग जाता।”
अपने भाषण के अंत में मायावती ने कहा कि BSP का उद्देश्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समाज को आत्मनिर्भर बनाना है। हम सत्ता के लिए राजनीति नहीं करते, हम समाज के सम्मान के लिए संघर्ष करते हैं। जब सत्ता की चाबी हमारे हाथ में होगी, तभी देश में सच्चा सामाजिक न्याय स्थापित होगा।”
मायावती ने सभा के अंत में कार्यकर्ताओं से अपील की,अब समय आ गया है कि बहुजन समाज किसी के बहकावे में न आए। BSP ही वह ताकत है जो सबको समान अधिकार, सुरक्षा और सम्मान दिला सकती है। बाबा साहेब और कांशीराम का सपना तभी साकार होगा, जब बहुजन समाज एकजुट रहेगा।”
Published on:
09 Oct 2025 01:19 pm
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