आजम खान के बसपा में शामिल होने की खबरों पर मायावती ने पहली बार सफाई दी। उन्होंने कहा कि पिछले महीने से अफवाहें फैल रही हैं कि दूसरी पार्टी के नेता बसपा में आ रहे हैं और दिल्ली में उनसे भी मुलाकात हुई है। लेकिन मुझे तो अब तक ऐसा कुछ पता नहीं है। मैं किसी से छुपकर नहीं मिलती, जब भी मिलती हूं, खुले में मिलती हूं।
उन्होंने कहा कि हमें विरोधियों के चालों से सावधान रहकर पार्टी का जनाधार मजबूत करना है। बसपा ऐसी पार्टी है जो बाबा साहेब के बनाए संविधान को सुरक्षित रख सकती है। हर पोलिंग बूथ पर लोगों को बसपा की नीतियों से जोड़ना और अपनी उपलब्धियों के बारे में बताना जरूरी है। अगर पार्टी ऐसा करती है तो सत्ता एक बार जरूर हाथ लगेगी।
मायावती ने यह भी कहा कि हमने गठबंधन में चुनाव लड़ा, लेकिन इसका फायदा नहीं हुआ। हमारा वोट एकतरफा ट्रांसफर हो जाता है, लेकिन उनकी जातिवादी सोच की वजह से उनका वोट हमें नहीं मिलता। अगर हम मिलकर सरकार बना भी लें, तो वह बीच में ही गिर जाती है।
बता दें कि इससे पहले बसपा की आखिरी बड़ी रैली लखनऊ में 9 अक्टूबर 2016 को हुई थी। इस रैली में कांशीराम स्मारक स्थल पर करीब एक लाख लोग जमा हुए थे। लेकिन भगदड़ में 3 लोगों की मौत हो गई थी।
2012 में बसपा यूपी की सत्ता से बाहर हो गई और तब से पार्टी का ग्राफ लगातार गिरता गया। 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा सिर्फ एक सीट जीत पाई। वहीं, 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का कोई खाता नहीं खुला।राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, बसपा का यह शक्ति प्रदर्शन 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी का संकेत माना जा रहा है। उन्हें उम्मीद है कि इस रैली से पार्टी को नई ऊर्जा और मजबूती मिल सकती है।
Updated on:
09 Oct 2025 10:57 am
Published on:
09 Oct 2025 10:52 am