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अब हद पार! संभल-बरेली की घटनाओं पर भड़कीं सपा सांसद इकरा हसन, 2027 में वोट से देंगे ‘मुंहतोड़ जवाब’

उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद इकरा हसन ने संभल और बरेली में हाल की घटनाओं को लेकर योगी सरकार पर तीखा प्रहार किया है।

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लोकसभा सांसद इकरा हसन, pc- Instagram

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद इकरा हसन ने संभल और बरेली में हाल की घटनाओं को लेकर योगी सरकार पर तीखा प्रहार किया है। 'आई लव मोहम्मद' कैंपेन को लेकर बरेली में हुई हिंसा और संभल में मस्जिद पर चले बुलडोजर एक्शन को गैर-संवैधानिक बताते हुए उन्होंने कहा कि अब हद पार हो चुकी है। सांसद ने चेतावनी दी कि 2027 के विधानसभा चुनावों में वोट के हथियार से सरकार को 'मुंहतोड़ जवाब' दिया जाएगा।

इकरा हसन ने 'आई लव मोहम्मद' कैंपेन पर सरकार के रवैये की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, "अगर कोई किसी पर अभद्र टिप्पणी कर रहा है तो समझ आता है कि किसी की भावना को ठेस पहुंच रही है। लेकिन हमारा संवैधानिक अधिकार है कि हम अपने मजहब को प्रमोट कर सकते हैं। उसी के तहत लोग 'I Love Mohammad' लिख रहे हैं। यह पीसफुल और अच्छा मैसेज है। कल कोई 'I Love Mahadev' या 'I Love Shri Ram' लिखेगा और इसमें मुझ जैसे किसी व्यक्ति को या किसी को आपत्ति होती है तो यह हमारी बेवकूफी है।'

एक समाचार चैनल से बातचीत में इकरा ने जोर देकर कहा कि इस कैंपेन से आम लोगों को कोई दिक्कत नहीं है, बल्कि यह सरकार का बनाया हुआ प्रोपेगैंडा है। बरेली में 26 सितंबर को हुई रैली के दौरान पथराव और हिंसा के बाद प्रशासन की कार्रवाई पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "सरकार और उसके इशारे पर चलने वाले प्रशासन को समझ ही नहीं है कि संविधान क्या है और नागरिकों के संवैधानिक अधिकार क्या हैं। बरेली में इसका सरेआम उल्लंघन देखा जा रहा है।" इस हिंसा में 39 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं और 2500 से अधिक पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

बुलडोजर एक्शन पर जताई आपत्ति

संभल में अवैध निर्माण के नाम पर मस्जिद पर चले बुलडोजर को इकरा हसन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का खुला उल्लंघन बताया। 2 अक्टूबर को असमोली क्षेत्र में ग्राम समाज की जमीन पर बने मस्जिद और विवाह भवन को ध्वस्त किया गया, जो चार महीनों में दूसरी ऐसी कार्रवाई थी। सांसद ने कहा, "बुलडोजर पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी, आज उसका भी उल्लंघन किया जा रहा है। जब तक हिंदू-मुस्लिम नहीं होगा, तब तक भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री की वाहवाही नहीं होगी।" उन्होंने इस कार्रवाई को अल्पसंख्यक समुदाय पर प्रताड़ना का नाम दिया।

इकरा हसन ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह जानबूझकर मुद्दे उठा रही है क्योंकि "पूरे दस साल में ऐसा कोई काम नहीं हुआ है जिसे दिखाकर वाहवाही लूट सकें। घूम-फिर कर इनके पास हिंदू-मुस्लिम का एजेंडा आ जाता है। सत्ता का जिस तरह से दुरुपयोग कर रहे हैं, उसका जवाब 2027 में देंगे।"

वोट का हथियार और पीडीए की एकजुटता

सपा सांसद ने कार्यकर्ताओं से अपील की, 'ये लोग तो बेवकूफ हैं और बेवकूफी कर रहे हैं। हमारे पास लाठी-डंडे के हथियार नहीं हैं, केवल वोट का हथियार है। उसका इस्तेमाल करते हुए जो लोग पूरी तरह बेलगाम हो गए हैं, उन्हें 2027 में मुंहतोड़ जवाब देना है।" उन्होंने पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) परिवार की एकजुटता पर भरोसा जताया, "पूरा पीडीए परिवार एक साथ है। इसी से इनकी बौखलाहट दिखाई दे रही है। यह लोग पीडीए से इतना डरे हैं कि फिर से हिंदू-मुस्लिम कर रहे हैं।'

अंत में इकरा ने कहा, 'यह लोग अपनी खोदी खाई में खुद गिरेंगे, सभी लोग सचेत हैं। जो भी बरेली-संभल में कर रहे हैं, यह गैर-संवैधानिक है। इस तरह की योजना लंबे समय तक चल नहीं पाती। जब हद पार हो जाती है तो शासन लंबे समय तक चल नहीं पाता। और अब हद पार हो गई है।'