
लखनऊ में मुठभेड़: कैब चालक हत्याकांड के आरोपी गुरुसेवक को पुलिस ने दबोचा, गोली लगने से घायल (फोटो सोर्स : Police Department )
राजधानी लखनऊ की पुलिस ने रविवार देर रात एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कैब चालक योगेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी गुरुसेवक पुत्र बलिंद्र निवासी पटाई, पुवायां, शाहजहांपुर को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को पैर में गोली लगी है और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बदमाश पर लखनऊ पुलिस आयुक्त द्वारा एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस ने उसके कब्जे से .38 बोर की रिवाल्वर, पिस्टल, जिंदा और खोखा कारतूस तथा लूटी गई चार पहिया वाहन बरामद की है।
2 अक्टूबर को बुद्धेश्वर निवासी कैब चालक योगेश पाल रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हुआ था। दो दिन बाद उसका शव जनपद सीतापुर के पिसावां थाना क्षेत्र की झाड़ियों में बरामद हुआ। शव की पहचान होने पर पुलिस को पता चला कि उसकी स्विफ्ट डिजायर कार लूट ली गई थी। जांच में सामने आया कि कार लूटने के लिए ही हत्या की गई थी और वारदात में शामिल बदमाश शाहजहांपुर और हरदोई जिलों से संबंध रखते थे।
इसी गिरोह ने इससे पहले शाहजहांपुर के पुवायां क्षेत्र में भी अवनीश दीक्षित नामक व्यक्ति की हत्या कर उसकी कार लूटी थी। उसी वाहन को लखनऊ में छिपाया गया था। पुलिस के अनुसार, बदमाश गुरुसेवक रविवार को उसी वाहन को बेचने की फिराक में मोहान रोड होते हुए जीरो प्वाइंट से उलटी लेन में आगरा एक्सप्रेस-वे की सर्विस लेन से होते हुए हरदोई या सीतापुर की दिशा में जा रहा था।
पुलिस को पहले से ही सूचना थी कि कैब चालक हत्या कांड का फरार आरोपी गुरुसेवक लखनऊ के आउटर रिंग रोड की ओर निकलने वाला है। इस सूचना पर थाना पारा पुलिस, डीसीपी वेस्ट की क्राइम ब्रांच और कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच टीम ने जीरो प्वाइंट और आउटर रिंग रोड कट पर बैरिकेडिंग कर वाहनों की चेकिंग शुरू की। थोड़ी देर बाद पुलिस को एक संदिग्ध वाहन आता दिखाई दिया। मुखबिर ने उस वाहन की पुष्टि की और इशारा किया कि यही बदमाशों की गाड़ी है। जैसे ही पुलिस ने वाहन को रोकने का संकेत दिया, बदमाशों ने गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी और फायरिंग शुरू कर दी।
वाहन आगरा एक्सप्रेस-वे की सर्विस लेन पर करीब एक किलोमीटर तक भागता रहा। पुलिस ने पीछा करते हुए आगे की टीम को सतर्क किया। जब बदमाशों ने देखा कि सामने से दूसरी टीम आ रही है, उन्होंने बैंक करने की कोशिश की, लेकिन गाड़ी कीचड़ में फंस गई। इसके बाद गाड़ी में बैठे दोनों बदमाश बाहर निकले और पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की। इस दौरान एक बदमाश गोली लगने से गिर पड़ा, जबकि दूसरा अंधेरे और झाड़ियों का फायदा उठाकर फरार हो गया। घायल बदमाश को पुलिस ने तुरंत कब्जे में लेकर अस्पताल भेजा, जहां उसकी पहचान गुरुसेवक के रूप में हुई।
गुरुसेवक शाहजहांपुर जिले के पुवायां क्षेत्र का शातिर अपराधी है। उसके खिलाफ अपहरण, हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, चोरी और आर्म्स एक्ट सहित आधा दर्जन से अधिक संगीन मुकदमे दर्ज हैं। वह एक संगठित गिरोह के साथ मिलकर प्रदेश के कई जिलों में वाहन लूट, नकदी लूट और हत्या की वारदातों में शामिल रहा है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वह पहले भी जेल जा चुका है, और हाल के महीनों में सीतापुर और शाहजहांपुर में लगातार वारदातों को अंजाम दे रहा था।
डीसीपी वेस्ट लखनऊ ने बताया कि रविवार रात सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई के दौरान मुठभेड़ में एक लाख का इनामी बदमाश गुरुसेवक घायल हुआ है। उसके पास से अवैध हथियार, कारतूस और लूटी गई चार पहिया वाहन बरामद की गई है। दूसरा साथी अंधेरे में भाग निकला है, जिसकी तलाश के लिए सघन चेकिंग की जा रही है। पुलिस का कहना है कि गुरुसेवक से पूछताछ के बाद गिरोह के बाकी सदस्यों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है।
इसी हत्याकांड में 10 अक्टूबर को अजय उर्फ अमरजीत सिंह पुत्र रंजीत सिंह निवासी नेवदिया इटारा, थाना पिहानी, हरदोई को भी मुठभेड़ के दौरान घायल कर गिरफ्तार किया गया था। उससे पहले शुक्रवार देर रात विकास कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस लगातार तीनों आरोपियों के पीछे थी और रविवार की रात आख़िरकार तीसरा आरोपी गुरुसेवक भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
पुलिस ने मुठभेड़ के बाद मौके से .38 बोर की रिवाल्वर, एक पिस्टल, जिंदा और खोखा कारतूस तथा लूटी गई चार पहिया कार बरामद की है। बरामद वाहन वही है जिसे गुरुसेवक ने शाहजहांपुर के पुवायां में हत्या के बाद लूटा था। सुरक्षा दृष्टि से मुठभेड़ स्थल पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया और एफएसएल टीम ने मौके से सबूत इकट्ठे किए हैं। सभी साक्ष्यों को सील कर आगे की जांच के लिए भेजा गया है।
रविवार देर रात हुई गोलीबारी से आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी मच गई। आगरा एक्सप्रेस-वे की सर्विस लेन पर स्थानीय लोगों ने गोलियों की आवाजें सुनीं। कई राहगीरों ने पुलिस की गाड़ियों का काफिला देखा। लोगों ने बताया कि इलाके में अक्सर बदमाश एक्सप्रेस-वे की सर्विस लेन का इस्तेमाल भागने के रास्ते के तौर पर करते हैं। पुलिस ने एहतियात के तौर पर आसपास के क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी है।
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने मुठभेड़ में शामिल थाना पारा, क्राइम ब्रांच और डीसीपी वेस्ट की टीम की प्रशंसा की है। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई अपराध के खिलाफ जारी सख्त नीति का परिणाम है। लखनऊ पुलिस आयुक्त ने कहा कि अपराधी चाहे जितना बड़ा क्यों न हो, उसे कानून के दायरे में लाया जाएगा,”।
पुलिस अब फरार आरोपी और उसके नेटवर्क की तलाश में जुटी है। मोबाइल कॉल डिटेल, सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी साक्ष्यों की मदद से फरार साथी का पता लगाया जा रहा है। जांच टीमों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि गुरुसेवक और उसके गिरोह ने प्रदेश के किन-किन इलाकों में अपराध किए हैं, इसका पूरा ब्यौरा तैयार किया जाए।
Updated on:
13 Oct 2025 08:27 am
Published on:
13 Oct 2025 07:39 am
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