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UP Assembly Monsoon Session: मॉनसून सत्र में एक दिन 24 घंटे चलेगी विधानसभा, विजन डॉक्यूमेंट पर होगी खास चर्चा

24 Hour UP Assembly Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा का चार दिवसीय मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है, जिसमें 13 अगस्त को लगातार 24 घंटे विशेष बैठक होगी। इस दौरान मंत्री अपने-अपने विभागों का विजन डॉक्यूमेंट पेश करेंगे, जबकि विपक्ष स्कूल विलय और बिजली निजीकरण जैसे मुद्दों पर हंगामा करने की तैयारी में है।

लखनऊ

Ritesh Singh

Aug 11, 2025

सिर्फ 4 दिनों का सत्र, विपक्ष स्कूल विलय और बिजली निजीकरण पर करेगा हंगामा फोटो सोर्स : Patrika
सिर्फ 4 दिनों का सत्र, विपक्ष स्कूल विलय और बिजली निजीकरण पर करेगा हंगामा फोटो सोर्स : Patrika

UP Assembly Monsoon Session 2025 : उत्तर प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो रहा है, और इस बार यह सत्र कई मायनों में खास रहने वाला है। महज चार दिनों का यह सत्र छोटे समय में भी इतिहास रच सकता है, क्योंकि एक दिन विधानसभा लगातार 24 घंटे चलेगी। इस दौरान मंत्रिपरिषद के सदस्य अपने-अपने विभागों का विजन डॉक्यूमेंट पेश करेंगे, जबकि विपक्ष स्कूलों के विलय और बिजली निजीकरण जैसे मुद्दों पर हंगामे की तैयारी में है।

24 घंटे का विशेष सत्र

विधानसभा अध्यक्ष के अनुसार सत्र का सबसे खास दिन वह होगा जब सदन लगातार 24 घंटे बिना रुके चलेगा। इस विशेष पहल का उद्देश्य है,

  • प्रदेश के भविष्य के विकास विजन पर लंबी, गहन और व्यापक चर्चा।
  • मंत्रियों द्वारा अपने विभागों के लक्ष्य, योजनाएं और उपलब्धियां प्रस्तुत करना।
  • जनता और विपक्ष के सवालों का विस्तार से जवाब देना।
  • इतना लंबा सत्र प्रदेश की विधायी परंपरा में एक नया रिकॉर्ड भी होगा, जो पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

13 अगस्त को ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश 2047’ पर चर्चा

सत्र के दौरान 13 अगस्त को दोनों सदनों में ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश 2047’ पर विशेष चर्चा होगी। यह विजन डॉक्यूमेंट राज्य के विकास का दीर्घकालिक खाका पेश करेगा, जिसमें 2047 तक के लक्ष्य, सेक्टरवार योजनाएं और क्रियान्वयन की रूपरेखा शामिल होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि यह डॉक्यूमेंट प्रदेश की विकास यात्रा में मील का पत्थर साबित होगा। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, बुनियादी ढांचा, उद्योग, ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों के लिए ठोस रणनीति दी जाएगी।

  • विपक्ष का एजेंडा: स्कूल विलय और बिजली निजीकरण
  • सत्र शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने अपने मुद्दे तय कर लिए हैं
  • बेसिक स्कूलों का विलय – विपक्ष का आरोप है कि इस नीति से ग्रामीण इलाकों में शिक्षा प्रभावित होगी, बच्चों को स्कूल जाने के लिए अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी और शिक्षकों की कमी का संकट बढ़ेगा।
  • बिजली निजीकरण – विपक्ष का कहना है कि निजीकरण से उपभोक्ताओं पर बिल का बोझ बढ़ेगा, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति और कमजोर होगी।
  • इसके अलावा, विपक्ष किसान मुद्दे, महंगाई और बेरोजगारी जैसे विषयों पर भी सरकार को घेरने की कोशिश कर सकता है।

मंत्रियों की तैयारी

मुख्यमंत्री ने पहले ही अपने मंत्रियों और विधायकों को निर्देश दे दिए हैं कि वे अपने-अपने विभागों के विजन डॉक्यूमेंट, आंकड़े और उपलब्धियों के साथ सदन में उपस्थित हों। प्रत्येक मंत्री अपने विभाग की बीते वर्षों की उपलब्धियां, चल रही योजनाएं, और भविष्य की योजनाएं विस्तार से प्रस्तुत करेगा। विपक्ष के सवालों का जवाब तथ्यों और उदाहरणों के साथ दिया जाएगा। सरकार के कार्यकाल में हुए बदलावों को जनता के सामने स्पष्ट किया जाएगा।

सत्र का कार्यक्रम

  • दिन 1 (आज): राज्यपाल का अभिभाषण, शोक प्रस्ताव, कार्यसूची का निर्धारण, और कुछ सरकारी विधेयक पेश।
  • दिन 2: विभागवार प्रश्नकाल, संक्षिप्त चर्चाएं, और पूरक बजट की प्रस्तुति।
  • दिन 3 (13 अगस्त): ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश 2047’ पर लगातार 24 घंटे चर्चा।
  • दिन 4: शेष विधेयकों पर चर्चा और पारित, विपक्ष के मुद्दों पर बहस।
  • विजन डॉक्यूमेंट की मुख्य विशेषताएं (संभावित)

हालांकि विजन डॉक्यूमेंट की पूरी सामग्री 13 अगस्त को ही सार्वजनिक होगी, लेकिन सूत्रों के अनुसार इसमें निम्न बातें शामिल हो सकती हैं.

  • शिक्षा: डिजिटल कक्षाएं, शिक्षक प्रशिक्षण, नई स्कूल इमारतें और ग्रामीण शिक्षा में सुधार।
  • स्वास्थ्य: हर जिले में मेडिकल कॉलेज, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का आधुनिकीकरण।
  • कृषि: सिंचाई व्यवस्था का विस्तार, फसल बीमा, जैविक खेती को बढ़ावा।
  • बुनियादी ढांचा: एक्सप्रेसवे, मेट्रो नेटवर्क, औद्योगिक गलियारे।
  • ऊर्जा: अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं, बिजली वितरण में सुधार।
  • पर्यावरण: वृक्षारोपण, जल संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण।
  • विपक्ष बनाम सरकार: टकराव के आसार

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह सत्र भले ही छोटा हो, लेकिन बहस तीखी होगी। विपक्ष शिक्षा और बिजली के मुद्दों पर हंगामेदार प्रदर्शन कर सकता है, वहीं सरकार अपनी विकास उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं का प्रचार करने पर जोर देगी। सत्तापक्ष का उद्देश्य जनता तक यह संदेश पहुंचाना है कि भाजपा सरकार दीर्घकालिक योजना बनाकर उसे लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि विपक्ष इस पर सवाल उठाकर जनता के बीच संदेह पैदा करने की कोशिश करेगा।

विधानसभा में 24 घंटे सत्र की चुनौतियां

  • लगातार 24 घंटे चलने वाला सत्र आसान नहीं होगा
  • विधायकों और मंत्रियों को लंबे समय तक उपस्थित रहना होगा।
  • विपक्ष को भी समय मिलेगा, जिससे तीखी बहस की संभावना बढ़ेगी।
  • रात के समय भी सदन को सक्रिय रखने के लिए विशेष व्यवस्थाएं करनी होंगी।
  • लेकिन यह व्यवस्था सरकार के लिए जनता के सामने अपने काम को विस्तार से रखने का अभूतपूर्व अवसर है।

सत्र के संभावित नतीजे

  • जनता को सरकारी योजनाओं और भविष्य की दिशा की पूरी जानकारी मिलेगी।
  • विपक्ष को अपनी बात रखने का पर्याप्त मंच मिलेगा।
  • 24 घंटे का सत्र उत्तर प्रदेश विधानसभा की इतिहास में दर्ज होगा।