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यूपी कैबिनेट ने अयोध्या में भव्य मंदिर संग्रहालय को मंजूरी दी, टाउनशिप नीति में बड़े बदलाव का रास्ता साफ

UP Cabinet Decisions: योगी सरकार की कैबिनेट बैठक में अयोध्या में 52 एकड़ में विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय बनाने, टाउनशिप नीति में बड़े संशोधन, एक्सप्रेसवे के लिए अतिरिक्त बजट, औद्योगिक प्रोत्साहन और खिलाड़ियों की ड्यूटी अवधि से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन फैसलों से पर्यटन, विकास और निवेश को गति मिलेगी।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Dec 02, 2025

यूपी कैबिनेट के बड़े फैसले: अयोध्या में 52 एकड़ में विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय को मंजूरी (फोटो सोर्स : Information Department )

यूपी कैबिनेट के बड़े फैसले: अयोध्या में 52 एकड़ में विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय को मंजूरी (फोटो सोर्स : Information Department )

UP Cabinet Meeting: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई प्रदेश कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में कई बड़े प्रस्तावों को मंजूरी मिली। इनमें अयोध्या में 52.102 एकड़ भूमि पर विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय स्थापित करने का ऐतिहासिक निर्णय, इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति में बड़े स्तर पर सुधार, एक्सप्रेस वे निर्माण के लिए अतिरिक्त बजट, औद्योगिक निवेश बढ़ाने हेतु कंपनियों को आर्थिक प्रोत्साहन और खिलाड़ियों को प्रशिक्षण अवधि को ड्यूटी मानने की सुविधा शामिल है। कैबिनेट के इन फैसलों का सीधा असर प्रदेश के शहरी विकास, पर्यटन, उद्योग और खेल जगत पर पड़ने वाला है।
अयोध्या में 52 एकड़ में बनेगा विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय

कैबिनेट ने अयोध्या में प्रस्तावित “विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय” के लिए 52.102 एकड़ भूमि आवंटन को मंजूरी दे दी है। पहले यह संग्रहालय 25 एकड़ में प्रस्तावित था, लेकिन इसकी संरचना को और भव्यता देने के लिए अतिरिक्त 27.102 एकड़ भूमि का निःशुल्क हस्तांतरण पर्यटन विभाग के पक्ष में किया गया है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि यह संग्रहालय टाटा संस के CSR फंड से विकसित किया जाएगा। इसके लिए एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) बनाया जाएगा, जिसमें केंद्र, प्रदेश सरकार और टाटा संस के प्रतिनिधि शामिल होंगे। संग्रहालय की अनुमानित लागत अब 750 करोड़ रुपये से अधिक पहुंचने की संभावना है। मंत्री ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में रोजाना 2 से 4 लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। ऐसे में यह संग्रहालय शहर को विश्व पर्यटन मानचित्र पर और अधिक सशक्त पहचान देगा तथा रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति में बड़ा बदलाव, बिल्डरों को राहत

कैबिनेट ने इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति–2005 और 2014 में महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दी है। इस संशोधन का सीधे लाभ उन आवंटियों को मिलेगा, जिनकी परियोजनाएँ कई वर्षों से अधर में लटकी हुई थीं।

नए बदलाव

  • न्यूनतम भूमि सीमा 25 एकड़ से घटाकर 12.5 एकड़ कर दी गई है।
  • बिल्डर अब 12.5 एकड़ भूमि पर भी टाउनशिप विकसित कर सकेंगे।
  • 25 एकड़ तक की परियोजना को 3 वर्ष में, जबकि इससे अधिक भूमि वाली परियोजना को 5 वर्ष में पूरा करना होगा।
  • बिल्डर DPR में संशोधन कर सकेंगे और परियोजना अवधि बढ़ाने का विकल्प मिलेगा।
  • छोड़ी गई भूमि किसी थर्ड पार्टी को हस्तांतरित नहीं की जा सकेगी।
  • परियोजना क्षेत्र के बाहर भी 10% क्षेत्र में विकास की अनुमति दी गई है।

सरकार का मानना है कि इन बदलावों से रुकी परियोजनाओं को गति मिलेगी और हजारों आवंटियों को उनके घर पाने का रास्ता साफ होगा।

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के लिए अतिरिक्त 246 करोड़ की मंजूरी

कैबिनेट ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर स्थित घाघरा नदी के पास क्षतिग्रस्त तटबंधों की मरम्मत और स्थायी सुरक्षा कार्यों के लिए 246.37 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि को मंजूरी दी है। इससे परियोजना की कुल लागत बढ़कर 7529.66 करोड़ रुपये हो गई है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि एक्सप्रेसवे पूरा होने के बाद क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी और यात्रियों को बेहतर आवाजाही की सुविधा मिलेगी।

औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन: तीन कंपनियों को मंजूरी

  • यह मंजूरी प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने और रोजगार सृजन को गति देने के लिए महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

मंजूर भुगतान

  • पसवारा पेपर्स लिमिटेड, मेरठ – SGST प्रतिपूर्ति के रूप में 65.67 लाख रुपये
  • केआर पल्प एंड पेपर्स लिमिटेड, शाहजहाँपुर – 56.39 लाख रुपये
  • वृंदावन एग्रो इंडस्ट्रीज, मथुरा – 17.06 करोड़ रुपये (1 अप्रैल 2023–30 सितंबर 2024)
  • सरकार की यह रणनीति प्रदेश में स्थापित कंपनियों को कर प्रोत्साहन देकर औद्योगिक विकास को मजबूती प्रदान करने पर केंद्रित है।

खिलाड़ियों के लिए बड़ा फैसला: राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण अवधि अब ड्यूटी मानी जाएगी

कैबिनेट ने खिलाड़ियों को बड़ी राहत देते हुए अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली–2022 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। अब राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की पूर्ण अवधि,ट्रेनिंग कैंप,संबंधित गतिविधियाँ,आवागमन का समय, सभी को सरकारी सेवा में “ड्यूटी पीरियड” माना जाएगा।

पहले ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी, जिससे खिलाड़ियों को अनुमति लेने में कठिनाई होती थी। अब यह बदलाव खिलाड़ियों को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर तैयारी का अवसर देगा।

संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम का संचालन अब SAI को

वाराणसी के निर्माणाधीन डॉ. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम को अब भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के हवाले किया जाएगा। कैबिनेट ने इसके संचालन, प्रबंधन और रखरखाव के लिए SAI के साथ हुए MoU को मंजूरी दे दी है। यहाँ खेलो इंडिया योजना के तहत अत्याधुनिक खेल ढांचा विकसित किया गया है। स्टेडियम को नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे प्रदेश के उभरते खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर की कोचिंग और सुविधाएँ मिलेंगी।