
UP Urban Development (फोटो सोर्स : Information Department )
UP Overhauls Urban Development Rules: उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी विकास से जुड़े नियमों में व्यापक और ऐतिहासिक बदलाव करते हुए नगर नियोजन की दिशा में एक बड़ी पहल की है। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब राज्य के शहरों में चौड़ी सड़कों पर आवासीय भवनों के साथ-साथ व्यावसायिक निर्माण की अनुमति भी दी जाएगी। जुलाई में कैबिनेट से स्वीकृत इस नई नीति को औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया है, जिससे आम नागरिकों, बिल्डरों और निवेशकों सभी को राहत और नई संभावनाएं मिलेंगी।
विभाग ने उप्र भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2008 को समाप्त करते हुए उसकी जगह नई उप्र विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उप विधियाँ एवं आदर्श जोनिंग रेगुलेशन्स-2025 लागू कर दिए हैं। इन नई उपविधियों में भवन निर्माण, सड़क चौड़ाई, व्यावसायिक उपयोग, कृषि भूमि का लचीलापन, FAR, ऊँचाई सीमा आदि लगभग हर सेक्टर में बड़े बदलाव शामिल हैं। इन संशोधनों का उद्देश्य शहरीकरण की बढ़ती गति के अनुरूप नियोजन व्यवस्था को आधुनिक, सरल और निवेश-प्रोत्साहक बनाना है।
नई नीति के तहत 100 वर्ग मीटर तक के आवासीय प्लॉट और 30 वर्ग मीटर तक के व्यावसायिक प्लॉट पर निर्माण के लिए नक्शा पास कराने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। इससे लाखों छोटे प्लॉट धारकों को सीधी राहत मिलेगी, क्योंकि नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया अब तक जटिल और समय लेने वाली मानी जाती थी। इसके अतिरिक्त स्वीकृत लेआउट के भीतर 500 वर्ग मीटर आवासीय और 200 वर्ग मीटर व्यावसायिक भूखंडों के लिए ऑनलाइन नक्शा ट्रस्ट-बेस्ड सिस्टम पर स्वतः स्वीकृत माना जाएगा। इससे निर्माण अनुमति प्राप्त करने में समय और धन दोनों की बचत होगी।
शहरी विकास से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक है - चौड़ी सड़कों पर मिश्रित निर्माण की अनुमति।
नियम इस प्रकार हैं:
नई उपविधियों का सबसे बड़ा आकर्षण FAR (फ्लोर एरिया रेशियो) में किया गया परिवर्तन है। अधिकांश श्रेणियों में FAR को बढ़ा दिया गया है, जिससे डेवलपर्स अब अधिक मंज़िलें और अधिक उपयोगी क्षेत्र तैयार कर सकेंगे।
कृषि-उपयोग वाली भूमि में औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति देकर सरकार ने ग्रामीण से शहरी संक्रमण वाले क्षेत्रों के विकास में एक नया द्वार खोला है।
नई नीति में बड़े निर्माण प्रोजेक्ट्स जैसे अस्पताल, शॉपिंग मॉल और शैक्षणिक संस्थानों के लिए प्लॉट साइज में भी बड़ी कटौती की गई है।
नए नियम:
ग्रुप हाउसिंग
मल्टी-यूनिट प्रोजेक्ट्स – प्लॉट आवश्यकता घटाकर केवल 150 वर्ग मीटर।
इन बदलावों से नए डेवलपर्स और छोटे निवेशकों को भी बड़े प्रोजेक्ट्स में सहभागिता का अवसर मिलेगा।
नई उपविधियों में पार्किंग नियमों को भी सरल और स्पष्ट बनाया गया है, जिससे प्रोजेक्ट तैयार करते समय पार्किंग व्यवस्था को लेकर डेवलपर्स को कम अस्पष्टता का सामना करना पड़ेगा। उद्देश्य यह है कि भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों में सड़क किनारे पार्किंग कम हो और योजनाबद्ध पार्किंग-सुविधाओं को बढ़ावा मिले।
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Published on:
22 Nov 2025 08:01 am
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