
उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए नई क्रांति: स्मार्ट मीटर बने पारदर्शिता और विश्व स्तरीय सेवा का आधार (फोटो सोर्स : Ritesh Singh )
UP Electricity Update: उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बिजली क्षेत्र में बड़े सुधारों की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। इसी मिशन का महत्वपूर्ण हिस्सा है,स्मार्ट मीटर परियोजना, जिसे राज्य में पारदर्शी, सुरक्षित और उपभोक्ता-अनुकूल बिजली सेवाएँ प्रदान करने के लिए बेहद तेजी से लागू किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 62 लाख 65 हजार से अधिक स्मार्ट मीटर स्थापित किए जा चुके हैं, जबकि सरकार का लक्ष्य 3 करोड़ 9 लाख 78 हजार से अधिक मीटर लगाने का है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की प्रगति ने ऊर्जा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल कर दिया है।
स्मार्ट मीटर पारंपरिक मीटरों की तुलना में तकनीकी रूप से अधिक उन्नत हैं। ये न केवल बिजली की खपत मापते हैं बल्कि रीयल-टाइम डेटा भी सर्वर तक भेजते हैं। इससे न सिर्फ़ बिलिंग की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होती है, बल्कि उपभोक्ताओं को अपनी बिजली खपत पर नियंत्रण रखने का भी अवसर मिलता है। इन मीटरों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ की गुंजाइश नहीं रहती, जिससे बिजली चोरी पर प्रभावी नियंत्रण संभव हो पाया है। बिजली चोरी कम होने से सरकारी राजस्व बढ़ रहा है और आपूर्ति व्यवस्था में सुधार हो रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार यह कहते रहे हैं कि उत्तर प्रदेश को बिजली वितरण और प्रबंधन के क्षेत्र में देश की सर्वोत्तम व्यवस्था बनाना है। इसी कड़ी में स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट को मिशन मोड में लागू किया जा रहा है। यूपीपीसीएल के प्रयासों से अधिकांश जिलों में कार्य युद्धस्तर पर जारी है। हर जिले में मौजूद टीमें उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटरों के लाभ समझा रही हैं, इंस्टॉलेशन प्रक्रिया को तेज कर रही हैं और नई तकनीक को अपनाने में आने वाली चुनौतियों को दूर कर रही हैं।
1. बिलिंग में पूरी पारदर्शिता और सटीकता
स्मार्ट मीटर रियल-टाइम आधारित रीडिंग सर्वर तक भेजते हैं, जिससे गलत, अनुमान आधारित या अस्पष्ट बिलिंग की समस्या समाप्त हो जाती है।
उपभोक्ता बिना किसी विवाद के सही बिल पाते हैं।
2. बिजली चोरी पर रोक
मीटर डेटा सीधे सर्वर से जुड़ा होने से मीटर छेड़छाड़, हेरफेर या अवैध कनेक्शन पर तुरंत अलर्ट मिल जाता है।
प्रदेश में बिजली चोरी की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है।
3. घर बैठे ही पूरी सुविधा
4. बिजली खपत पर पूर्ण नियंत्रण
स्मार्ट मीटर के साथ उपभोक्ता रियल-टाइम खपत देख सकते हैं, जिससे वे अपनी जरूरत और बजट के अनुसार बिजली उपयोग नियंत्रित कर सकते हैं।
ऊर्जा संरक्षण में भी यह व्यवस्था अहम योगदान दे रही है।
5. प्रीपेड सुविधा
स्मार्ट मीटर में प्रीपेड का विकल्प भी उपलब्ध है।
इससे उपभोक्ता रिचार्ज कर जितनी बिजली खरीदते हैं, उतनी ही खपत होती है।
बजट नियंत्रण आसान हो जाता है।
6. पावर कट और फॉल्ट की तुरंत जानकारी
जहाँ भी सप्लाई बाधित होती है या लाइन फॉल्ट होता है, मीटर तत्काल सूचना देता है।
इससे विभाग तुरंत समस्या का समाधान कर पाता है, और उपभोक्ता को अनावश्यक प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती।
7. लोड मैनेजमेंट में मदद
स्मार्ट मीटर वितरण प्रणाली के पैटर्न को समझते हैं।
इससे बिजली वितरण अधिक सुगठित और सुव्यवस्थित बनता है, खासकर पीक ऑवर में।
यही कारण है कि स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट को उपभोक्ताओं का भी बेहतर सहयोग मिल रहा है। राज्य के अधिकांश जिलों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, जिससे यह परियोजना गति पकड़ रही है।
यूपीपीसीएल ने प्रदेश को तकनीक आधारित ऊर्जा व्यवस्था की ओर अग्रसर करने के लिए विभिन्न नवाचार लागू किए हैं—
Updated on:
20 Nov 2025 10:07 pm
Published on:
20 Nov 2025 04:55 pm
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