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#Mandsaur SP का भ्रष्टाचार रोकने कड़ा निर्णय, अब इस तरह हर तीन माह में होंगे थानेदार के तबादले

थाना प्रभारियों के रुपए लेन-देन के आरोप, अब थानों में होगा ‘रोस्टर सिस्टम’ तीन से छ माह एक थाने पर रहेंगे थाना प्रभारी, इस प्रकार का नवाचार करने वाला मंदसौर प्रदेश में पहला जिला

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Transfers in rajasthan

मंदसौर। आमतौर पर पुलिस की छवि पर कई बार अलग-अलग तरह से दाग लगते है। जांच होती है, कभी आरोप साबित होता है, कभी नहीं होता। जिले में थाना प्रभारियों पर ड्रग्स से लेकर शराब तस्करों के साथ मिलीभगत के कई आरोप छह माह में लगे व साबित भी हो गए। इससे निपटने एसपी विनोद मीना ने नई कार्ययोजना बनाई है। नई कार्ययोजना अनुसार अक्सर दागदार रहने वाले पुलिस थानों पर किसी भी थाना प्रभारी को तीन से छह माह से अधिक नहीं रहने दिया जाएगा। इस योजना को रोस्टर नाम दिया है, जिसके अनुसार थाने के प्रभारी बदले जाएंगे। प्रदेश में इस प्रकार का नियम लागू करने वाले पहले एसपी मीना बन गए है।

जिले में अवैध मादक पदार्थ की तस्करी सबसे अधिक होती है। कई बार तस्करों से पुलिस अधिकारियों से लेकर पुलिसकर्मियों का गठजोड़ भी खुले रूप से सामने आया है। हाल ही में ही तस्करों से रुपए लेन-देन के मामले भी उजागर हुए है। जिसके बाद तत्कालीन थाना प्रभारी धर्मेंद्र शिवहरे, उपनिरीक्षक अविनाश सोनी, प्रधान आरक्षक दिलीप बघेल और एक आरक्षक को निलंबित किया। इसी दौरान जिले के दलौदा थाने में तत्कालीन थाना प्रभारी मनोज गर्ग पर भी लेन-देन के आरोप लगे और लाइन अटैच किया।

यहां कार्रवाई होना शेष

भानपुरा थाना प्रभारी आरसी डांगी की भी जांच सिद्ध हो गई है। इनकी जांच गरोठ एसडीओपी विजय यादव के द्वारा की गई थी। थाना प्रभारी आरसी डांगी ने शराब के एक मामले में आरोपियों लाभ पहुंचाने के लिए दो अलग-अलग शराब के मामले बनाए। जिसकी जांच एसडीओपी ने वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी है। अब इस मामले में कार्रवाई होना शेष है।

रोस्टर सिस्टम से होंगे यह लाभ

पुलिस का मानना है जिले में रोस्टर सिस्टम से लाभ होगा। इसमें थाना प्रभारियों को अपने थाना क्षेत्र में बेहतर से बेहतर काम करने को लेकर प्रतिस्पर्धा होगी। दावा है इस सिस्टम से राजनीतिक हस्तक्षेप भी कम होगा। पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियानों में ओर बेहतर परिणाम आना शुरु होंगे। थाना प्रभारियों को अलग-अलग थानों पर काम करने का मौका मिलेगा। वर्तमान में कई ऐसे थाना प्रभारी है जो डेढ़ साल से भी अधिक समय से एक ही थाने पर काम कर रहे है।

इनका कहना

रोस्टर अच्छा सिस्टम है। इसके फायदे के आंकलन के बाद ही इसको लागू कर रहे है। इससे सबसे बड़ा लाभ यह है कि भ्रष्टाचार जीरो प्रतिशत हो सकेगा।

विनोद मीना, एसपी मंदसौर।