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वृंदावन में बिहारी जी संग होंगे सप्त देवालयों के दर्शन, भक्तों को मिलेगा दिव्य अनुभव; धार्मिक पर्यटन को नई उड़ान

Vrindavan Sapt Devalaya Circuit: उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद वृंदावन में सप्त देवालय सर्किट विकसित कर रही है, जिसके तहत बांके बिहारी मंदिर सहित सात प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिरों को जोड़ा जाएगा। यह परियोजना भक्तों को सहज दर्शन सुविधा देने के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।

2 min read

मथुरा

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Mohd Danish

Oct 05, 2025

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वृंदावन में बिहारी जी संग होंगे सप्त देवालयों के दर्शन | Image Source - 'X' @Adityathakur

Bankey Bihari Temple Development: ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन की अभिलाषा लेकर वृंदावन पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए अब एक नई सौगात तैयार की जा रही है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद वृंदावन में सप्त देवालय सर्किट विकसित करने की योजना बना रही है, ताकि श्रद्धालु एक ही यात्रा में सातों प्राचीन देवालयों के दर्शन कर सकें।

पुराने मंदिरों को जोड़कर तैयार होगा नया तीर्थ सर्किट

वृंदावन के पवित्र नगरी में ठाकुर बांके बिहारी मंदिर तो विश्वविख्यात है, परंतु आसपास स्थित कई प्राचीन देवालय आज भी बाहरी श्रद्धालुओं की नजरों से अछूते हैं। इसी स्थिति को बदलने के लिए अब “वृंदावन सप्त देवालय सर्किट” की योजना तैयार की गई है। इस परियोजना के अंतर्गत उन सभी मंदिरों को एक धार्मिक मार्ग से जोड़ा जाएगा, जो भगवान राधा-कृष्ण की भक्ति परंपरा का प्रतीक हैं।

तीन किलोमीटर के सर्किट में जुड़ेंगे सात प्रमुख मंदिर

योजना के तहत करीब तीन किलोमीटर लंबा मार्ग तैयार किया जाएगा, जो सप्त देवालयों को एक दूसरे से जोड़ेगा। इस सर्किट के निर्माण पर लगभग 18 करोड़ रुपये की लागत आएगी। परिषद का लक्ष्य है कि श्रद्धालु बांके बिहारी मंदिर के दर्शन के साथ-साथ इन सातों देवालयों में भी सुगमता से पहुंच सकें और ब्रज की आध्यात्मिक विरासत का साक्षात अनुभव कर सकें।

श्री गोविंद देव जी मंदिर - लाल पत्थरों से सजा भव्य धाम

यह मंदिर वृंदावन के एक ऊँचे टीले पर स्थित है। लाल पत्थरों से निर्मित यह प्राचीन मंदिर स्थापत्य कला का अनमोल उदाहरण है। माना जाता है कि यहां भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य स्वरूप के दर्शन मात्र से मन को शांति मिलती है।

श्री मदन मोहन मंदिर - वृंदावन का सबसे ऊंचा मंदिर

श्री मदन मोहन मंदिर भी लाल पत्थरों से बना है और यह बिहारी जी मंदिर के समीप स्थित है। वृंदावन के सबसे ऊंचे टीले पर स्थित यह मंदिर भक्ति भाव से ओत-प्रोत है। श्रद्धालु मानते हैं कि यहां पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है।

श्री गोकुलानंद जी मंदिर - साधना और भक्ति का केंद्र

गोकुलानंद गोस्वामी द्वारा स्थापित यह मंदिर भक्ति और साधना का अद्भुत केंद्र है। यहां राधा-कृष्ण के साथ श्री चैतन्य महाप्रभु की उपासना भी की जाती है।

श्री राधा रमण मंदिर - राधा-कृष्ण की एकता का प्रतीक

इस मंदिर में भगवान श्री राधा रमण जी विराजमान हैं। यह मंदिर न केवल वास्तु कला का उदाहरण है, बल्कि यहां की आरती और भजन संध्या भक्तों के लिए अद्वितीय अनुभव देती है।

श्री गोपीनाथ जी मंदिर - वृंदावन की भक्ति परंपरा का प्रतीक

वृंदावन के प्राचीन मंदिरों में गिना जाने वाला यह मंदिर राधा-कृष्ण की लीलाओं का जीवंत साक्षी है। यहां रोजाना सैकड़ों भक्त दर्शन कर अपने जीवन को धन्य करते हैं।

श्री राधा श्याम सुंदर जी मंदिर - प्रेम लीलाओं की गाथा कहता धाम

यह मंदिर राधा-कृष्ण की प्रेम लीलाओं से प्रेरित है। यहां की मनमोहक मूर्तियां और भव्य सजावट भक्तों को आध्यात्मिक आनंद से भर देती हैं।

श्री राधा दामोदर जी मंदिर - रूप गोस्वामी की तपस्थली

छह गोस्वामियों में से एक, श्री रूप गोस्वामी द्वारा स्थापित यह मंदिर वैष्णव परंपरा की आध्यात्मिक धरोहर है। यहां आने वाले भक्तों को भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का संगम मिलता है।

ब्रज संस्कृति और पर्यटन को नई दिशा देगा सर्किट

ब्रज तीर्थ विकास परिषद का कहना है कि इस परियोजना से न केवल भक्तों को सुविधा मिलेगी, बल्कि वृंदावन में धार्मिक पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी। इसके जरिए देश-दुनिया के श्रद्धालुओं को ब्रज की समृद्ध परंपरा से जुड़ने का अवसर मिलेगा।