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Mau news: पर ब्लॉक वन क्राप के तहत कोपागंज केला के लिए चयनित

मऊ के ग्राम सहरोज में लगभग 60 से 70 बीघा में केला की खेती की जाती है तथा इस वर्ष लगभग 20 बीघा के ऊपर क्षेत्रफल उद्यान विभाग द्वारा बढ़ाया जाएगा। गो

मऊ

Abhishek Singh

Aug 08, 2025

Mau
Mau news, Pc: patrika

Mau news: किसानों की फसलों का विपणन के साथ अन्य बहुउद्देशीय उपयोग एवं प्रसंस्करण कार्यों को बल दिए जाने हेतु उद्यान विभाग द्वारा जनपद मऊ के कोपागंज विकासखंड में केला को "पर ब्लॉक वन क्राप" फसल के रूप में चिह्नित करते हुए केला के फल के साथ-साथ केला के प्रसंस्करण पदार्थ,रोग व्याधि मुक्त गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के प्रयोजन से कृषक गोष्ठी, ग्राम सहरोज में आयोजित की गई ।

जनपद मऊ के ग्राम सहरोज में लगभग 60 से 70 बीघा में केला की खेती की जाती है तथा इस वर्ष लगभग 20 बीघा के ऊपर क्षेत्रफल उद्यान विभाग द्वारा बढ़ाया जाएगा। गोष्टी के प्रारंभ में जिला उद्यान अधिकारी संदीप कुमार गुप्त ने किसानों को अपने संबोधन में विभाग की"पर ब्लॉक वन क्राप" फसल की अवधारणा को समझाते हुए बताया गया कि इसका मतलब केवल एक फसल ही नहीं है अपितु एक फसल के साथ-साथ अन्य सह फसली खेती,फसल के मूल्य संवर्धन, फसल का अवशेष प्रबंधन सहित अनेक ऐसे कार्य किसानों को कराए जाने हैं जिससे भारत की अर्थव्यवस्था विकसित देशों की श्रेणी में आ सके और उत्तर प्रदेश राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंचाने में उद्यान की फसलें भी महत्वपूर्ण योगदान कर सकें ।

कार्यक्रम के प्रशिक्षण सत्र में कृषि विज्ञान केंद्र, पिलखी की खाद्य प्रसंस्करण एवं पोषण वैज्ञानिक डॉक्टर आकांक्षा सिंह द्वारा प्रशिक्षण एवं किसानों के खेत में जाकर उनको कच्चे केले के चिप्स, पके केले का पाउडर, केले के तने से धागे और साड़ियां तक बनाए जाने की जानकारी दी गई तथा किसानों को केले के फसल समाप्ति के उपरांत केला फसल अवशेष का कम्पोस्ट खेत में उपयोग करने की सलाह दी गई।डॉक्टर आकांक्षा सिंह द्वारा बताया गया कि घरेलू उद्योग के रूप में केले के प्रसंस्करण के उद्योगों की स्थापना बेरोजगार युवक, युवतियां कर सकते हैं जिसके लिए उद्यान विभाग से अनुदान और कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

कार्यक्रम में योजना प्रभारी अरुण कुमार यादव द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना में संचालित सभी कार्यक्रमों जिसमें मुख्यतः केले में प्रयोग होने वाले पावर टिलर, स्प्रेयर पर अनुदान की जानकारी दी गई एवं केले में ड्रिप सिंचाई पद्धति स्थापित करने से हो रहे ज्यादा गुणवत्तापूर्ण उत्पादन की जानकारी बताई गई। अरुण कुमार द्वारा बताया गया कि ड्रिप लगाने पर 90% तक की छूट भारत सरकार और राज्य सरकार प्रदान कर रही है जिससे किसानों को एक हेक्टेयर में मात्र 15 से 20 हजार का खर्च होता है जबकि 135000 रुपए तक का अनुदान, सरकार सिस्टम की स्थापना पर वहन करती है। कार्यक्रम में केला उत्पादक अनेक कृषकों सहित चंद्रभान राम, बालजीत यादव विभागीय कर्मचारी उपस्थित रहे।