Mau Politics: उत्तर प्रदेश सरकार के केबिनेट मंत्री एके शर्मा बार-बार मंचों से अपने "मन की बात" कहकर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ विधायक सुधाकर सिंह पर कुछ ज़्यादा ही स्नेह लुटा रहे हैं। बात-बात में आशीर्वाद की दुहाई देकर एके शर्मा राजनीतिक बिसात पर अपने संभावित चाल की तैयारी करते दिख रहे हैं।
एके शर्मा का कहना है कि जब वे राजनीति में नहीं थे, तब भी सुधाकर सिंह उनके पारिवारिक आयोजनों में आया-जाया करते थे और उन्हें सदैव आशीर्वाद मिला है। शर्मा जी ने मंच से भावुकता ओढ़ते हुए कहा, "अगर उनकी पार्टी से कोई जीत सकता है तो आशीर्वाद इनसे लेना ही पड़ेगा। हमें मालूम है कि ये जीत के भी आएंगे।"
शर्मा जी ने महाभारत का उदाहरण देते हुए भीष्म पितामह की प्रतिज्ञा, अर्जुन की चिंता और द्रौपदी के सौभाग्यवती भव तक का महाकाव्य मंच पर उतार दिया। और इशारों ही इशारों में आखिर में अनकहे शब्दों में बता दिया – "सुधाकर सिंह जी जैसे हमारे पितामह हैं, आशीर्वाद जब ज़रूरत होगी, ले ही लूंगा। न मुझे चिंता है, न उन्हें। उनकी पार्टी तो रसातल में है ही!"
अब सवाल उठता है कि यह आत्मीयता है या आगामी चुनाव की रणनीति? राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि एके शर्मा मधुबन विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं और सुधाकर सिंह को बार-बार मंचों से लक्ष्य बनाना उसी की पूर्वपीठिका है।
ज्ञात हो कि सुधाकर सिंह, जो वर्तमान में घोसी से सपा विधायक हैं, पूर्व में मधुबन (जिसे परिसीमन से पहले नत्थूपुर विधानसभा के नाम से जाना जाता था) से विधायक रह चुके हैं। ऐसे में यह मंचीय मन की बात वास्तव में मधुबन की चुनावी "बात" तो नहीं?
राजनीति में स्नेह के पीछे की रणनीति कौन समझे, साहेब?
एके शर्मा को सपा से शिकायत भी है, और सुधाकर सिंह से मोह भी!
Published on:
07 Aug 2025 06:24 pm