
मेरठ में मानवता शर्मसार: Image Source - Pexels
16 year old rape victim married to rapist in Meerut: मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र से इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 16 वर्षीय किशोरी को वह इंसाफ नहीं मिला जिसकी उसे उम्मीद थी, बल्कि समाज के तानों ने उसकी जिंदगी को और गहरी पीड़ा में धकेल दिया। आरोपी 21 वर्षीय पड़ोसी युवक, जिसने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया, उसी से परिवार ने उसकी शादी करा दी।
आठ दिन पहले जब किशोरी को पेट में असहनीय दर्द हुआ, तो परिजन तुरंत उसे डॉक्टर के पास लेकर गए। जांच रिपोर्ट ने सबको सन्न कर दिया, डॉक्टर ने बताया कि किशोरी तीन माह की गर्भवती है। इस खुलासे के बाद परिवार सदमे में चला गया और किशोरी ने सच्चाई जाहिर करने में झिझक दिखाई। आखिरकार, काफी समझाने के बाद उसने कबूला कि उसके ही पड़ोस में रहने वाले युवक ने उसके साथ जबरदस्ती की थी। इस एक कबूलनामे ने पूरे परिवार को हिला दिया।
घटना सामने आने के बाद किशोरी की मां ने गांव में पंचायत बुलाई। पंचायत में कुछ लोगों ने कार्रवाई की बात कही, लेकिन जल्द ही हालात बदल गए। गांव के युवक और समाज के कुछ लोग किशोरी के परिवार को ताने मारने लगे। किशोरी का भाई घर से बाहर निकलने में भी शर्म महसूस करने लगा। मां समझ चुकी थी कि सामाजिक न्याय उसके परिवार को नहीं, बल्कि और कलंक देगा। समाज के दबाव में आकर उन्होंने आरोपी पक्ष से बात की और आखिरकार, दो दिन पहले गांव के मंदिर में किशोरी की शादी उसी युवक से करा दी गई जिसने उसके सपनों को तोड़ा था।
किशोरी की मां ने बताया कि उसके पति लंबे समय से बीमार हैं और घर का सारा बोझ उसी पर है। इसी कमजोरी का फायदा आरोपी युवक ने उठाया। चार बच्चों की जिम्मेदारी निभाते हुए वह अकेली संघर्ष कर रही थी, लेकिन समाज ने उसकी बेबसी को उसकी गलती बना दिया। अब वह यह सोचकर टूट चुकी है कि उसकी मासूम बेटी जिंदगीभर उस व्यक्ति के साथ कैसे रहेगी जिसने उसकी इज्जत छीनी।
जब डॉक्टर ने जांच रिपोर्ट के दौरान गर्भवती होने की बात कही, तो किशोरी ने मासूमियत से कहा, “मेरी तो अभी शादी ही नहीं हुई, शादी के बाद ही गर्भ होता है।” यह सुनकर डॉक्टर भी भावुक हो गए। उन्होंने समझदारी से किशोरी को प्यार और धैर्य से आरोपी का नाम बताने को कहा। उस पल मासूमियत और पीड़ा, दोनों आंखों से छलक आईं। सच सामने आया तो मां-बेटी की दुनिया बिखर गई।
अब मां यह ठान चुकी है कि वह इस गांव में नहीं रहेगी। वह चाहती है कि उसके बाकी बच्चे इस कलंक और तानों से दूर नई जिंदगी शुरू करें। समाज की क्रूरता ने उन्हें इंसाफ के बजाय अपमान का बोझ दिया, लेकिन मां ने हिम्मत नहीं हारी। उसकी एक ही इच्छा है कि उसके बच्चे अब डर और शर्म के साये से निकलकर सांस ले सकें।
Updated on:
15 Nov 2025 03:21 pm
Published on:
15 Nov 2025 02:17 pm
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