
आतंकी आजाद से की सांकेतिक फोटो जेनरेट AI
एटीएस की जांच में एक बड़ा पर्दाफाश हुआ है। सामने आया कि हथियारों की सप्लाई के लिए आतंकियों ने ‘हाईवे किनारे’ नाम से एक खास कोड तैयार किया था। इसी कोड का उपयोग टेलीग्राम कॉल पर किया जाता था। ताकि एजेंसियां बातचीत का अर्थ न समझ सकें। झिंझाना के रहने वाले आजाद शेख समेत अन्य आरोपियों से पूछताछ जारी है। उनके टेलीग्राम ग्रुप ‘टील’ के करीब दो सौ सदस्य अब एजेंसियों की निगरानी में हैं।
एटीएस अहमदाबाद की जांच के अनुसार, आईएसआई से जुड़े अबू खदीजा और अबू आल्हा ने ‘टील’ नाम का ग्रुप बनाया था। जहां हथियारों की तस्वीरें, लोकेशन और देशविरोधी गतिविधियों से जुड़े संदेश साझा किए जाते थे। इसी ग्रुप के जरिए हनुमानगढ़ से अहमदाबाद तक हथियार भेजने की योजना बनाई गई। हनुमानगढ़ की सप्लाई लोकेशन को भी ‘हाईवे किनारे’ कोड से चिह्नित किया गया था।
पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि जिस तरह नशा राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली रास्ते से गुजरात तक पहुंचाया जाता है। उसी नेटवर्क का उपयोग हथियारों की तस्करी के लिए करने की तैयारी थी। तीनों के मोबाइल फोन फॉरेंसिक लैब भेज दिए गए हैं। जहां से महत्वपूर्ण डेटा मिलने की उम्मीद है।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि कोलकाता जमात के दौरान आजाद का फोन कई लोगों ने घर बात करने के लिए इस्तेमाल किया था। क्योंकि समूह में मोबाइल रखने की अनुमति सिर्फ दो लोगों को थी। हालांकि इन कॉल करने वालों की भूमिका संदिग्ध नहीं मिली है। एजेंसियां इनकी पूरी जानकारी सत्यापित कर रही हैं। झिंझाना के एक मौलाना से भी पूछताछ की जा चुकी है।
गौरतलब है कि नौ नवंबर को गुजरात एटीएस ने शामली कस्बा के झिंझाना के रहने वाले आजाद शेख, लखीमपुर खीरी के सुहेल और अहमदाबाद के अहमद मोइय्यूद्दीन को गिरफ्तार किया था। इनके पास से एक कार, पिस्टल, तीन कारतूस और लगभग चार लीटर कैस्टल ऑयल बरामद हुआ था। जांच में पता चला कि तीनों का संपर्क पाकिस्तान में बैठे अफगानी आतंकी अबू खदीजा से था। जिसकी तलाश अभी जारी है।
डीएसपी हर्ष कुमार के अनुसार, हथियार सप्लाई के लिए तैयार किया गया कोड वर्ड और टेलीग्राम ग्रुप की गतिविधियां बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करती हैं। जल्द ही बाकी आरोपी भी गिरफ्त में आ सकते हैं।
Published on:
17 Nov 2025 03:02 pm
