Moradabad ramganga flood medical boat relief rescue operations: यूपी के मुरादाबाद में 15 साल बाद रामगंगा नदी ने ऐसा रौद्र रूप दिखाया है, जिसने ग्रामीण और शहरी इलाकों को दहशत में डाल दिया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन ने एसडीआरएफ, पीएसी और अन्य विभागों को अलर्ट पर रखा है। डीएम अनुज सिंह ने देर रात तक अधिकारियों को हालात की निगरानी और फंसे लोगों की तुरंत मदद के निर्देश दिए।
रविवार से रामगंगा नदी का जलस्तर लगभग 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घटने लगा है। शनिवार को पूरे दिन जलस्तर स्थिर रहा था, लेकिन शाम को अचानक बढ़ोतरी दर्ज की गई। रात होते-होते पानी कम होने लगा, जिससे बाढ़ खंड के अभियंताओं ने राहत की सांस ली। 2010 में रामगंगा का जलस्तर 192.73 मीटर तक पहुंचा था, जबकि इस बार 191.460 मीटर तक पानी आया। देर रात 10 बजे जलस्तर 191.120 मीटर तक घट चुका था।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में एसडीआरएफ और पीएसी की टीम नावों से लगातार गश्त कर रही हैं। कंट्रोल रूम से सूचना मिलते ही तहसील टीमें दवाओं और जरूरी सामान की आपूर्ति के लिए अन्य विभागों से संपर्क कर रही हैं। डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बाढ़ में फंसे लोगों तक तुरंत मदद पहुंचे।
एडीएम वित्त एवं राजस्व ममता मालवीय और एसडीएम सदर डॉ. राम मोहन मीणा ने दसवां घाट पर एंबुलेंस बोट का उद्घाटन किया। इस नाव में गर्भवती और बीमार महिलाओं को सुरक्षित निकालने की व्यवस्था है। पेट्रोल चालित यह नाव धारा के साथ 45 किमी प्रति घंटा और धारा के विपरीत 25 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकती है। मेडिकल टीम पानी के बीच जाकर मरीजों का इलाज भी कर सकती है।
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. रवींद्र कुमार के अनुसार, बाढ़ से तोरई, लौकी, टमाटर, बैंगन और उड़द जैसी सब्जियां पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। केवल गन्ना और धान की फसल ही बाढ़ से बची है।
शहर के हरदासपुर स्थित निर्माणाधीन यूनिवर्सिटी में शनिवार शाम तक एक फीट पानी कम हो गया। जामा मस्जिद के पास ताजपुर रोड पर भी जलस्तर में कमी आई है, लेकिन सामान्य स्थिति बहाल होने में अभी समय लगेगा।
जमीयत उलेमा का एक प्रतिनिधिमंडल मौलाना अब्दुल जलील खान कासमी के नेतृत्व में ताजपुर, वारसी नगर और जामा मस्जिद इलाकों का दौरा कर प्रभावित लोगों की स्थिति का जायजा लिया। संगठन ने भोजन और अस्थायी आवास की व्यवस्था शुरू कर दी है।
कांठ-करनपुर-ठाकुरद्वारा मार्ग पर पानी कम होने से हल्के वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है, लेकिन भारी वाहनों पर अभी भी रोक है। कई मार्ग जलमग्न हैं और सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं।
लाडलाबाद के प्रकटेश्वर शिव मंदिर के पास करूला नदी में नहाते समय 10वीं का छात्र कपिल (16) तेज बहाव में बह गया। पीएसी की टीम और गोताखोरों ने तलाश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। कपिल रक्षाबंधन मनाने दिल्ली से गांव आया था।
कुंदरकी क्षेत्र के गांव बांहपुर में किसान दिनेश सैनी (32) खेत जाते समय बाढ़ के पानी में डूब गया। तैराक होने के बावजूद तेज बहाव और गहराई के कारण वह बच नहीं सका। दुखद बात यह है कि 10 साल पहले उसके पिता की भी गागन नदी में डूबने से मौत हो चुकी थी। दिनेश की पत्नी संतोष गर्भवती है और उसके पांच छोटे बच्चे हैं।
जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में अनावश्यक न जाएं और बच्चों को नदियों या तालाबों के पास न भेजें। खतरे वाले इलाकों में राहत और बचाव कार्य जारी है।
Published on:
11 Aug 2025 06:13 am