
मुरैना. नहर किसानों की सही मायने में जीवनदायिनी है और रबी फसल के लिए किसानों को नहरों से पर्याप्त पानी मिले, इसके लिए नहरों को सुव्यवस्थित रखने की जिम्मेदारी जल संसाधन विभाग के अफसरों की है। नहरों की सफाई के लिए 24 लाख का ठेका दिया गया है लेकिन सफाई का कार्य सुस्ती से हो रहा है। माइनरियों में झाड़ी खड़ी हैं और नहरों में सफाई कार्य सुस्ती से हो रहा है।
जिले से दो नहर निकली हैं, जिनमें अंबाह ब्रांच कैनाल और मुरैना ब्रांच कैनाल शामिल हैं। अंबाह ब्रांच कैनाल की सफाई का 19 लाख और मुरैना ब्रांच कैनाल की सफाई का 5 लाख का ठेका दिया गया है। अंबाह शाखा नहर में 20 नवंबर और मुरैना शाखा नहर में एक दिसंबर को पानी आना हैं, इससे पूर्व नहर व उनसे जुड़ी माइनरियों की सफाई होनी हैं। अंबाह ब्रांच कैनाल में मशीन से सफाई शुरू हो चुकी है लेकिन लेकिन मिट्टी नहर में ही पड़ी है। देवगढ़, ल्हौरी का पुरा, पंचम पुरा, मंजीतपुरा, सुखपुरा गांवों के पास नहर में सफाई के बाद मिट्टी को वहीं पर छोड़ दिया है जिससे जगह जगह ढेर लगे हैं, उधर पानी छोडऩे की तारीख करीब आ रही है, पानी आने पर वह मिट्टी फिर से पानी में मिलकर नहर में जमा हो जाएगी। इस वजह से किसान चिङ्क्षतत हैं क्योंकि सफाई समय पर प्रोपर तरीके से नहीं होने से पानी आने पर नहरों के फूटने की आशंका रहती है।
51 माइनरी, जिनकी होनी हैं सफाई
जिले की अंबाह शाखा व मुरैना शाखा नहर से 51 माइनरी निकली हैं। लेकिन इनमें से अंबाह शाखा नहर की 20 प्रतिशत माइनरी की सफाई हो चुकी है लेकिन वह भी जिस तरह से होना चाहिए, वह नहीं हो सकी है। मुरैना शाखा नहर की माइनरियों में भी सफाई तो शुरू हो गई लेकिन कार्य सुस्ती से हो रहा है। नहरों में पानी आने को है, लेकिन सफाई गति नहीं पकड़ सकी है।
कब कहां फूटी माइनर
01 मार्च 2021 को सबलगढ़ क्षेत्र मे माइनर फूटने से करीब 50 बीघा फसल बर्बाद हुई।
24 मार्च 2021 को पिपरई के पास माइनर फूटने से आधा सैकड़ा फसल बर्बाद हुई।
26 नवंबर 2023 को बंधा के पास माइनर फूटने से छह गांवों की करीब 100 बीघा फसल बर्बाद हुई।
2024 में बिचोली किशनपुर के पास माइनर फूटी लेकिन ग्रामीणों की सक्रियता से समय पर मरम्मत कर दी गई जिससे फसल नष्ट नहीं हो सकी।
फैक्ट फाइल
19 लाख का ठेका है एबीसी की सफाई का।
05 लाख का ठेका है एमबीसी की सफाई का।
171 किमी लंबाई है एबीसी की।
55 किमी लंबाई है एमबीसी की।
29 माइनरी निकली हैं एबीसी से।
22 माइनरी निकली हैं एमबीसी से।
102000 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है एबीसी से।
44000 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है एमबीसी से।
बिचोली- किशनपुर माइनर की अभी तक सफाई नहीं हुई है। माइनर में झाड़ खड़े हुए हैं। अगर सफाई नहीं हुई तो टेल तक पानी नहीं पहुंचेगा और फूटने की आशंका रहेगी।
अंबाह ब्रांच कैनाल की सफाई तो शुरू हो गई लेकिन मिट्टी नहीं हटाई गई है। नहर में जगह जगह मिट्टी के ढेर लगे हैं, आठ दिन बाद पानी आने पर फिर से मिट्टी पानी में मिल जाएगी।
अंबाह ब्रांच कैनाल में आठ दिन बाद पानी छोड़ा जा रहा है। इससे पूर्व नहर व माइनर की सफाई के लिए ठेकेदार को सख्त हिदायत दी है। विलंब के लिए दो बार ठेकेदार, इंजीनियर व एसडीओ को नोटिस भी दिया जा चुका है।
पानी आने से पूर्व नहरों की सफाई सुनिश्चित की जाएगी। अगर सफाई के बाद मिट्टी के ढेर नहरों में छोड़े गए हैं, तो अधीनस्थों को निर्देशित करके उनको समय सीमा में साफ कराया जाएगा।
Published on:
13 Nov 2025 04:34 pm
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