Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नई व्यवस्था के चलते दिन भर लगता है नेशनल हाईवे पर जाम

ग्वालियर जाने वाली बसों का फ्लाईओवर से किया रूट डायवर्ट, जिसके चलते बिगड़े हालात, हाईवे किनारे रेत की मंडी लगने से भी बिगड़ रही स्थिति

3 min read
Google source verification

मुरैना. ट्रैफिक व स्थानीय थाना पुलिस की अनदेखी के चलते नेशनल हाईवे पर दिन भर जाम के हालात रहते हैं। नई व्यवस्था के तहत ग्वालियर जाने वाली बसों का रूट फ्लाईओवर से कर दिया है। ये बस इंडस्ट्रियल एरिया के सामने से फ्लाईओवर के ऊपर के लिए मुड़ती हैं, इसलिए यहां ग्वालियर से आगरा आने-जाने वाले ट्रैफिक को प्रभावित हो रहा है।

यातायात पुलिस द्वारा पूर्व में हुई बैठक मे ये तय किया कि ग्वालियर, जौरा सहित अन्य जगहों को जाने वाली बसों में स्टाफ स्टैंड के अंदर ही सवारियां भरेगा। स्टैंड से गेट बंद करके बसों को बाहर निकालना हैं अर्थात सडक़ पर बस खड़ी करके सवारियां नहीं भरोगे। खासकर ग्वालियर रोड पर ट्रैफिक थाना और जौरा रोड पर मां-बेटी चौराहा निकलने के बाद बस को रोकना हैं लेकिन स्टाफ ने निर्देशों को नहीं माना तो बैरियर चौराहे के आसपास ट्रैफिक की स्थिति न बिगड़े तो ग्वालियर जाने वाली बसों का फ्लाईओवर से होकर रूट कर दिया। इसमें बस स्टैंड से भरकर पहले धौलपुर रोड पर जाएंगी फिर इंडस्ट्रियल एरिया के सामने पीछे को मुडकऱ फ्लाईओवर से होकर ग्वालियर की तरफ जाती हैं। इंडस्ट्रियल एरिया के सामने बस जब मुड़ती हैं तो ग्वालियर से आगरा और आगरा से ग्वालियर की तरफ जाने वाले वाहनों को रुकना पड़ता है। यहां ट्रैफिक का लोढ इतना हैं कि जरा से वाहन रुके जाम के हालात निर्मित हो जाते हैं।

हाईवे पर खड़े रेत के ट्रैक्टर-ट्रॉली जाम की मुख्य वजह

नेशनल हाईवे 44 पर ग्वालियर रूट की बस जहां से मुड़ती हैं, वहां दोनों तरफ चंबल रेत से भरी ट्रैक्टर- ट्रॉलियां बड़ी संख्या में सडक़ किनारे दोनो तरफ खड़ी रहती हैं। खासकर सुबह 11.30 बजे तक स्थिति ज्यादा खराब है। रेत से भरी ट्रॉलियों के सडक़ पर खड़े होने से पर्याप्त स्पेस के अभाव में बस एक बार में मुड़ नहीं पाती। बस को पीछे करने में समय लगता है तब दोनों तरफ को ट्रैफिक जाम हो जाता है, जब तक एक बस मुड़ती तब तक दूसरी आ जाती है। इसलिए दोपहर तक तो जबरदस्त जाम के हालात रहते हैं, उसके बाद लगता और खुलता रहता है। शाम के समय ट्रैफिक का लोढ बढऩे पर फिर जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है।

फ्लाईओवर का निर्माण बेकार

शासन- प्रशासन ने नेशनल हाईवे पर फ्लाईओवर इसलिए निर्माण करवाया था कि आगरा से ग्वालियर की तरफ आने जाने वाले वाहनों को शहर के ट्रैफिक से निजात मिल सकेगा लेकिन यातायात पुलिस ने इस नई व्यवस्था के चलते मुरैना शहर से बाहर आने जाने वाले वाहन चालकों को खासी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। खबर है कि बस स्टैंड से निकलकर सीधे ग्वालियर जाने वाली बस बैरियर चौराहे पर खड़ी होती थीं, वहां एक तो ट्रैफिक थाना हैं और दूसरा कलेक्ट्रेट व पुलिस अधीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालय भी हाईवे पर हैं, उनके वाहन अक्सर यहां से निकलते रहते हैं, अगर उनके निकलते समय बैरियर चौराहे पर जाम लगा तो ट्रैफिक पुलिस को परेशानी हो सकती है, संभवतह इसलिए बसों का रूट डायवर्ट करके हाईवे से गुजरने वाले वाहन चालक, स्थानीय दुकानदार व रहवासियों के लिए परेशानी बढ़ा दी है।

हर तीन मिनट पर है ग्वालियर के लिए बस

मुरैना से ग्वालियर जाने वाले मार्ग पर करीब 90 बसों का संचालन हैं और इनके परमिट इस तरह से बनाए गए हैं कि इनके संचालन में एक बस से दूसरे बस के बीच करीब तीन मिनट का अंतराल है। एक बस दो से तीन चक्कर ग्वालियर के लगाती है इसलिए हाईवे पर एक बस निकल नहीं पाती है तब तक दूसरी पहुंच जाती है।

ट्रैफिक सिग्नल तोडऩे वालों पर कार्रवाई नहीं

नगर निगम ने शहर में ट्रैफिक सिग्नल तो लगा दिए लेकिन नियम फॉलो नहीं हो रहा। इसलिए पुराना बस स्टैंड व बैरियर चौराहे के अलावा अन्य ट्रैफिक सिग्नल पर पुलिस स्टाफ नहीं होने पर लोग सरेआम नियम तोड़ते हुए निकल रहे हैं। जब तक वाहन चालकों के खिलाफ ऑनलाइन कार्रवाई नहीं होगी, तब तक सुधार संभव नहीं हैं।

हाईवे पर जहां जाम की स्थिति निर्मित होती हैं, वहां ट्रैफिक पॉइंट लगाकर व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।

दीपाली चंदौरिया, सीएसपी