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श्मशान में टीनशेड न होने पर बरसात में तिरपाल लगाकर किया अंतिम संस्कार

मामला खडिय़ाहार ग्राम पंचायत का, प्रशासन के दावे खोखले, लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी ग्राम पंचायतों में नहीं बन सके मुक्तिधाम

मुरैना. करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद जिले में आज भी कई गांव ऐसे हैं, जहां मृतकों के लिए अंतिम संस्कार के लिए श्मशान तक नही हैं या भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया हैं। जहां अंबाह विकासखंड के खडिय़ाहार गांव में लोगों को अंतिम संस्कार करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

पंचायत के श्मशान घाट में गांव वालों ने प्लास्टिक को तिरपाल बनाकर उसी के नीचे अंतिम संस्कार करना पड़ा। अंतिम संस्कार की ये तस्वीरें शर्मिंदा करने वाली और इंसानियत को शर्मसार करने वाली हैं। श्मशान घाट में मूलभूत सुविधाओं तक का अभाव दिखाई दे रहा है जिस जगह पर अंतिम संस्कार होता है। वहां शेड तक की व्यवस्था नहीं की गई है, जिसकी वजह से बारिश के दौरान लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

चारों ओर तिरपाल से ढककर शव का किया अंतिम संस्कार

खडिय़ाहार के श्मशान घाट में शव को रखने के लिए जगह नहीं मिली और ना ही मुक्तिधाम पर टीनशेड था। ऐसी स्थिति में खडिय़हार गांव के देवी सिंह तोमर की मां विटोली बाई (75) की मृत्यु हो गई। परिजन दुकान से तिरपाल खरीदकर लाए और चारों तरफ तिरपाल से ढककर शव का अंतिम संस्कार किया। जब चिता से आग की लपटे उठी तो तिरपाल भी जल गई। बढ़ी मुश्किल से परिजन ने शव का अंतिम संस्कार किया। लोगों ने बरसते पानी के बीच चारों ओर से तिरपाल खींचकर अंतिम संस्कार किया।

पानी, बिजली तक की व्यवस्था नहीं

ग्रामीण क्षेत्रों में बने श्मशानों में पक्की सडक़, पानी, बिजली व बैठने के लिए कुर्सियों की सुविधाएं तो दूर, यहां शव दाह के लिए टीन शेड ही नहीं लगाए गए हैं। ऐसे में ग्रामीणों को बारिश के इन दिनों में शव दाह के लिए प्लेटफार्म पर तिरपाल लगाकर शव दाह करना पड़ रहा है। टीन शेड लगाने के लिए यहां की ग्राम पंचायत ने भी कोई प्रयास नहीं किए हैं। ऐसे में बरसते पानी में टूटे-फूटे टीन शेड के नीचे दाह संस्कार करना मजबूरी है।

अगर गांव में मुक्तिधाम में टीनशेड नहीं है तो गंभीर बात है, में इसकी जानकारी लेता हूं। साथ ही बाउंड्रीबॉल बिजली, पानी, रास्ते की व्यवस्था के लिए भी जनपद सीईओ को निर्देशित करते हैं।

रामनिवास सिंह सिकरवार, एसडीएम अंबाह