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बने दूल्हा छवि देखो श्रीराम की, दुल्हन बनी सिया जानकी

श्रीराम विवाह पर शहर में धूमधाम से निकली बारात, शहर में जगह- जगह हुआ स्वागत, रामजानकी मंदिर में हुआ विवाह, महिलाओं ने गाए भजन और किया नृत्य

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मुरैना. श्रीराम विवाह बड़े हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। जीवाजी गंज में बैंडबाजों के साथ राम बारात निकाली और रामजानकी मंदिर पर विवाद समारोह संपन्न हुआ। इस दौरान करीब तीन हजार लोगों ने प्रसादी ग्रहण की।


मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान श्रीराम ने धनुष तोडकऱ माता सीता से विवाह किया था। तब से हर साल विवाह समारोह मनाया जाता है। यह समारोह मुरैना में 25 नवंबर को श्रीरामहर्षण सत्संग मंडल मुरैना के तत्वावधान में छोटेलाल सिंघल के निवास से राम बारात निकाली गई। बारात में बैंडबाजों की धुन पर भक्त गण नृत्य करते चल रहे थे। बारात में सैकड़ों महिला पुरुषों ने भाग लिया। बारात श्रीराम जानकी मंदिर पर पहुंची। यहां मंदिर के गेट पर बारात के पहुंचने पर दरवाजा हुआ। जिस तरह दूल्हा की दरवाजे पर अगवानी की जाती है, ठीक उसी तरह दूल्हे बने भगवान श्रीराम की प्रतिमां की अगवानी की गई और मंत्रोच्चारण के साथ पूरी रस्म निभाई गई। उसके बाद पं. रामदत्त पुजारी के सानिध्य में मंदिर में विवाह संपन्न कराया गया। यहां महिलाओं ने मंगल गीत- बने दूल्हा छवि देखो श्रीराम की, दुल्हन बनी सिया जानकी… गाए गए। पूरा मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया।

राम लक्ष्मण व जानकी की वृंदावन से आई पोशाक

राम विवाह से पूर्व मंदिर में सजावट की गई और भगवान श्रीराम सीता व लक्ष्मण की पोशाक वृंदावन से 40 हजार रुपए में स्पेशल समारो के लिए मंगवाई गई। विवाह समारोह में नई पोशाक पहनाई गई।

बारात का शहर में जुआ जगह जगह स्वागत

श्रीराम बारात का शहर में जगह जगह स्वागत किया गया। बारात में चल रही बग्घी में दूल्हा के रूप में भगवान श्रीराम की मूर्ति विराजमान थी। बैंडबाजों की धुन पर युवतियां नृत्य करते हुए चल रही थीं।