
जन्म प्रमाणपत्र को लेकर महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला (Patrika Photo)
Fake Birth Certificate: महाराष्ट्र सरकार ने जन्म प्रमाणपत्र से जुड़ी प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब राज्य में आधार कार्ड को विलंबित जन्म प्रमाणपत्र (Delayed Birth Certificate) बनवाने के लिए मान्य दस्तावेज नहीं माना जाएगा। अगस्त 2023 में कानून में हुए संशोधन के बाद सिर्फ आधार कार्ड के आधार पर जारी किए गए सभी जन्म प्रमाणपत्र रद्द कर दिए जाएंगे।
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि यह कदम उन फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है, जिनका इस्तेमाल अक्सर गैरकानूनी गतिविधियों में किया जाता है। मंत्री ने न सिर्फ संदिग्ध प्रमाणपत्रों को तत्काल रद्द करने का निर्देश दिया है, बल्कि उन अधिकारियों पर कार्रवाई करने को भी कहा है जिन्होंने ये प्रमाणपत्र जारी किए।
राज्य सरकार ने पूरी प्रक्रिया को सख्त बनाने के लिए 16-बिंदु वाली नई वेरिफिकेशन गाइडलाइन भी जारी की है। राजस्व विभाग ने सभी तहसीलदारों, उप-विभागीय अधिकारियों, जिला आयुक्तों और संभागीय आयुक्तों को यह सत्यापन दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों के अनुसार, जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने से पहले संबंधित व्यक्ति की जानकारी की गहन जांच जरूरी होगी।
सरकार का मानना है कि नई व्यवस्था से फर्जीवाड़ा रुकेगा, सिस्टम अधिक पारदर्शी बनेगा और आधिकारिक दस्तावेजों का गलत उपयोग काफी हद तक कम होगा।
इससे पहले महाराष्ट्र भाजपा नेता किरीट सोमैया ने दावा किया था कि मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) की ओर से बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं। पूर्व सांसद सोमैया ने आरोप लगाया था कि बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी प्रमाणपत्र देने का बड़ा घोटाला सामने आया है। मेरे पास ठोस सबूत हैं, जो मैंने बीएमसी आयुक्त को सौंपे हैं। अभी तक एक हजार से ज्यादा फर्जी प्रमाणपत्रों की सूची मैंने उन्हें दी है।
उन्होंने दावा किया कि बीएमसी के दो अधिकारी इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए बीएमसी आयुक्त एक विशेष जांच टीम गठित करेंगे।
गौरतलब है कि 2024 में भी महाराष्ट्र में जन्म प्रमाणपत्र घोटाले के 2 लाख से अधिक मामले सामने आए थे, जिन्हें बाद में रद्द कर दिया गया था और उनकी जांच अभी भी जारी है। अब यह नया मामला सामने आने के बाद एक बार फिर हड़कंप मच गया है।
भाजपा नेता सोमैया ने बताया कि उन्होंने इस पूरे प्रकरण की शिकायत चुनाव आयोग से भी की है। चुनाव आयोग ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जब राज्य में विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) होगा, तब ऐसे फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर बने नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे।
Updated on:
28 Nov 2025 11:09 am
Published on:
28 Nov 2025 11:07 am
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