Maharashtra Politics: शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोमवार को चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने पूछा कि क्या चुनाव आयोग अब सुप्रीम कोर्ट से बड़ा हो गया है और क्या उसके आयुक्त खुद को राष्ट्रपति से ऊपर समझने लगे हैं। ठाकरे ने लोकसभा चुनाव में कथित ‘वोटों की चोरी’ और बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाए गए विशेष अभियान SIR का हवाला देते हुए आयोग पर पक्षपात के आरोप लगाए।
मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि जब विपक्ष ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए तो बीजेपी ने बीच में आकर जवाब क्यों दिया। ठाकरे ने कहा, यह बीजेपी की घबराहट है, ताकि मतों की चोरी का मामला दबाया जा सके। उन्होंने राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने सबूतों के साथ लोकसभा चुनाव में हुई गड़बड़ी साबित की है और अब आशंका है कि यही स्थिति महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में भी देखने को मिले। उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि वे अपने पते पर मतदाता सूची में कोई और नाम तो नहीं जुड़ा है, इसकी जांच करें।
पत्रकारों ने उनसे शरद पवार के हालिया बयान पर सवाल पूछा, जिसमें पवार ने दावा किया था कि दो लोग उनसे मिले और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 160 सीटें दिलाने की बात कही। इस पर ठाकरे ने कहा कि ऐसे लोग उनसे पहले भी चुनावों के दौरान मिलते रहे, लेकिन उन्होंने कभी ध्यान नहीं दिया क्योंकि वे ईमानदारी से चुनाव जीतने में विश्वास रखते थे। हालांकि उन्होंने हंसते हुए आगे कहा, अब उनसे मिलना चाहिए, अब हमें भी दिलचस्पी हो गई है।
इस दौरान महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने एक सनसनीखेज दावा भी किया। उन्होंने कहा, जब वह एनडीए में थे और बीजेपी के साथ गठबंधन में थे तो एक बीजेपी नेता ने उन्हें ईवीएम हैकिंग का डेमो दिखाया था। बाद में पत्रकारों के पूछने पर उन्होंने नाम नहीं बताया, बस इतना कहा, वो अब भी बीजेपी में है।
बिहार के मामले में ठाकरे ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने 65 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए और सुप्रीम कोर्ट में यह रुख अपनाया है कि वे नाम सार्वजनिक नहीं करेंगे। इस पर उन्होंने सवाल उठाया कि क्या चुनाव आयोग खुद को सुप्रीम कोर्ट और देश के राष्ट्रपति से ऊपर मान रहा है।
इससे पहले एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा था कि 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले दो व्यक्तियों ने उनसे मुलाकात कर राज्य की 288 में से 160 सीटें विपक्ष को जिताने की गारंटी दी थी। पवार के मुताबिक, उन्होंने उन दोनों को राहुल गांधी से भी मिलवाया था, लेकिन कांग्रेस नेता ने उनकी बात को महत्व नहीं दिया। उनका मानना था कि हमें ऐसे मामलों में नहीं पड़ना चाहिए और सीधे जनता के बीच जाना चाहिए।
Updated on:
11 Aug 2025 07:43 pm
Published on:
11 Aug 2025 07:40 pm