
अमित शाह से एकनाथ शिंदे ने की मुलाकात (Photo: IANS/file)
Eknath Shinde Meet Amit Shah: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव नजदीक हैं, इस बीच सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के भीतर बढ़ते तनाव ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। सहयोगी दलों के बीच हो रही तोड़फोड़ की राजनीति से नाराज उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आखिरकार दिल्ली जाकर भाजपा नेतृत्व से इसकी शिकायत कर दी। शिवसेना प्रमुख शिंदे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच बुधवार शाम दिल्ली में अहम बैठक हुई। इस दौरान शिंदे ने भाजपा के वरिष्ठ नेता के खिलाफ शिकायत भी की।
मंगलवार को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान शिवसेना शिंदे गुट की नाराजगी खुलकर सामने आ गई थी। शिंदे गुट के सभी मंत्री बैठक से दूर रहे। बाद में बैठक से नदारद रहने वाले मंत्रियों को लेकर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने पहुंचे और अपनी नाराजगी जाहिर की। इस दौरान स्थिति को सुलझाने को लेकर उनमें चर्चा भी हुई, लेकिन शिंदे संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने दिल्ली जाने का फैसला लिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमित शाह से मुलाकात के दौरान उन्होंने साफ कहा कि महाराष्ट्र के कुछ नेता अनावश्यक रूप से महायुति की जीत के रास्ते में रुकावटें खड़ी कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि करीब 50 मिनट चली इस बैठक में महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीति पर विस्तृत चर्चा हुई। शिंदे ने शाह को बताया कि विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद राज्य में महायुति के लिए अनुकूल माहौल बना है, लेकिन गठबंधन के भीतर की खींचतान से कार्यकर्ताओं और मतदाताओं में गलत संदेश जा रहा है।
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और अजित पवार की एनसीपी शामिल है। शिंदे ने पहले भी भाजपा को याद दिलाया था कि गठबंधन धर्म निभाने के लिए वे बिहार तक गए थे और अब भाजपा नेताओं को भी उसी भावना से आगे आना चाहिए। बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान शिंदे ने दो सभाएं की थीं। जिसका फायदा एनडीए को मिला।
बैठक के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एकनाथ शिंदे को आश्वासन दिया कि वह महाराष्ट्र की परिस्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, शाह ने शिंदे से कहा, “मुझे भी महाराष्ट्र के बारे में बहुत कुछ पता है। आप एनडीए में एक प्रमुख नेता हैं, आपका पूरा सम्मान किया जाएगा और आपकी भूमिका सुरक्षित रहेगी।“
शाह ने भरोसा दिलाया कि महायुति की एकता को बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे ताकि आगामी चुनावों में गठबंधन की एकजुटता कायम रहे और छवि खराब न हो। इस दौरान महायुति में शामिल दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपने दल में शामिल न करने को लेकर भी सहमति बनी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली में बैठक के बाद एकनाथ शिंदे ने अपनी पार्टी के मंत्रियों, नेताओं और पदाधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए है। उन्होंने साफ कहा कि सहयोगी दलों से जुड़े संभावित पार्टी प्रवेश तुरंत रोके जाएं और ऐसा कोई कदम न उठाया जाए जिससे गठबंधन में तनाव की स्थिति पैदा हो।
इस बीच, उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (यूबीटी) ने महायुति सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि यह वही लोग है जो कुछ साल पहले भाजपा के लोगों के साथ मिलकर हमारी पार्टी को तोड़ रहे थे। हमें बिखेरने की कोशिश की, लेकिन आज स्थिति ऐसी हो चुकी है कि इन्हें कोई पूछ नहीं रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, जब बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय।
दुबे ने कहा कि डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे का लोकसभा क्षेत्र कल्याण-डोंबिबाली है और वहां पर जाकर भाजपा ने सेंध लगाना शुरू किया है। महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख रविंद्र चौहान शिंदे गुट के सभी लोगों को अपने खेमे में शामिल कर रहे हैं। वही काम एकनाथ शिंदे भी वहां कर रहे हैं। इससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि दोनों के बीच फूट पड़ गई है।
उद्धव गुट के नेता ने दावा किया कि आगामी दिनों में एकनाथ शिंदे की शिवसेना में बड़ी फूट पड़ेगी। उनके कई नेता हमारे संपर्क में हैं। जो फिर शिवसेना (उद्धव ठाकरे) का दामन थाम सकते हैं।
Updated on:
20 Nov 2025 12:03 pm
Published on:
20 Nov 2025 11:15 am
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