Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

NCP नेता नवाब मलिक को झटका, दाऊद से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोप तय

Nawab Malik Money Laundering Case : मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सिंडिकेट से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक के खिलाफ आरोप तय कर दिए है।

3 min read
Google source verification

मुंबई

image

Dinesh Dubey

Nov 18, 2025

Nawab Malik Maharashtra politics

एनसीपी नेता नवाब मलिक (File Photo)

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik PMLA Case) को बड़ा झटका लगा है। मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत ने मंगलवार को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सिंडिकेट (D-Company) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मलिक के खिलाफ आरोप तय कर दिए है। इस फैसले के दौरान नवाब मलिक भी आज अदालत में मौजूद थे।

हाल ही में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने 2 दिसंबर को होने वाले नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों के लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की थी। इस सूची में पूर्व मंत्री नवाब मलिक का भी नाम है।

कोर्ट ने कहा- पर्याप्त सबूत मौजूद

वरिष्ठ नेता नवाब मलिक और उनकी कंपनी की ओर से दायर डिस्चार्ज याचिका को अदालत ने पहले ही ख़ारिज कर दिया था। मलिक की कंपनी 'मलिक इन्फ्रास्ट्रक्चर' की ओर से यह डिस्चार्ज याचिका दायर की गई थी। जिसमें दावा किया गया था कि ईडी का पूरा मामला अंदाजों और अनुमान पर आधारित है, क्योंकि जिस समय कथित अवैध सौदा हुआ, उस समय कंपनी बनी ही नहीं थी।

क्या है आरोप?

हालांकि पीएमएलए की विशेष अदालत ने कंपनी की दलीलों को खारिज करते हुए कहा था कि मामले में पर्याप्त प्राथमिक सबूत मौजूद हैं। शुरुआती जांच से यह स्पष्ट होता है कि नवाब मलिक ने डी-कंपनी से जुड़ी हसीना पारकर, सलीम पटेल और आरोपी सरदार खान के साथ मिलकर कुर्ला स्थित एक कीमती प्लॉट को अवैध रूप से कब्जे में लिया और फिर उसे मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए वैध बनाने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि इस प्लॉट में अपराध से अर्जित 16 करोड़ रुपये की धनराशि लगाई गई।

राहत देने से किया इनकार

हालांकि अजित गुट के नेता ने अदालत से यह प्रक्रिया छह हफ्ते तक टालने की गुहार लगाई थी। उनका कहना था कि बॉम्बे हाईकोर्ट में उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई होनी है, इसलिए फैसला आने तक निचली अदालत को इंतजार करना चाहिए। हालांकि, ईडी की ओर से इसका विरोध किया गया और तर्क दिया गया कि हाईकोर्ट ने इस मामले पर कोई स्टे नहीं दिया है, इसलिए निचली अदालत की सुनवाई जारी रखी जा सकती है।

अदालत ने ईडी की दलीलें मानते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों का त्वरित निपटारा अनिवार्य है। ऐसे में कोर्ट खुद से मामला स्थगित नहीं कर सकती।

इस मामले में जेल जा चुके है नवाब मलिक

बता दें कि ईडी ने नवाब मलिक को फरवरी 2022 में इस मामले में गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उन्होंने दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर की मदद से मुंबई के कुर्ला में लगभग तीन एकड़ की जमीन को गलत तरीके से कब्जे में लिया। इस सौदे में 16 करोड़ रुपए की अपराध से जुड़ी रकम शामिल होने का आरोप है। फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल का भी आरोप लगाया गया है।

मलिक फिलहाल जमानत पर बाहर है। इस मामले में मलिक के साथ दो कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है। 2022 से ही मामले की जांच चल रही है, लेकिन औपचारिक तौर पर आरोप तय नहीं हो पाए थे। लेकिन आज दोपहर अदालत ने मलिक समेत सभी आरोपियों के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय कर दिए, जिससे मुकदमे की शुरुआत का रास्ता साफ हो गया है।