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भाजपा-शिवसेना में अनबन के बाद शिंदे पहुंचे दिल्ली, मुंबई में फडणवीस और अजित पवार की आपात बैठक

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन (Mahayuti Rift) में दरार बढ़ती जा रही है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Nov 19, 2025

Mahayuti rift Maharashtra politics

देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे (Photo: IANS/File)

महाराष्ट्र निकाय चुनाव (Maharashtra Civic Polls) से पहले सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में इन दिनों उथल-पुथल मची हुई है। मंगलवार को कैबिनेट बैठक के दौरान महायुति के भीतर मतभेद खुलकर सामने आ गए, जब शिवसेना शिंदे गुट के सभी मंत्री बैठक से दूर रहे। बाद में बैठक से नदारद रहने वाले मंत्रियों को लेकर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने पहुंचे और अपनी नाराजगी जाहिर की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच स्थिति को सुलझाने को लेकर चर्चा हुई, लेकिन नाराजगी पूरी तरह खत्म नहीं हुई। इसी बीच आज शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे अचानक दिल्ली रवाना हो गए, जिससे सियासी पारा और चढ़ गया। उधर, मुंबई में सीएम फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ 'वर्षा' बंगले पर अर्जेंट बैठक की।

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। बताया जा रहा है कि शिंदे मुख्य तौर पर स्थानीय निकाय चुनावों पर चर्चा करने के लिए दिल्ली गए हैं। जहां से वह बिहार की राजधानी पटना भी जा सकते है। गुरुवार सुबह पटना के गांधी मैदान में नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान शिंदे ने भी दो सभाएं की थीं।

फडणवीस-अजित पवार की आपात बैठक

शिंदे के दिल्ली रवाना होने के बाद बुधवार दोपहर में मुंबई में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने वर्षा निवास पर अचानक बैठक की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक में शिवसेना शिंदे गुट की बढ़ती नाराजगी पर चर्चा हुई। साथ ही दोनों नेताओं ने आगामी निकाय चुनावों को लेकर गठबंधन में उपजे मतभेद की स्थिति से निपटने की योजना पर भी मंथन किया।

इसके अलावा पुणे के जमीन घोटाले की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आ चुकी है, इस मामले में अजित पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़ी कंपनी पर गंभीर आरोप लगे है। फडणवीस और पवार के बीच इस मुद्दे पर भी बातचीत होने की संभावना जताई जा रही है।

महायुति में दरार के संकेत

इन सियासी घटनाओं के बीच यह साफ हो गया है कि महायुति के तीनों दलों के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। हालांकि शिवसेना नेता व मंत्री प्रताप सरनाईक ने सफाई देते हुए कहा कि महायुति परिवार की तरह है और परिवार में थोड़ा-बहुत मतभेद होना सामान्य बात है।

दूसरी ओर वरिष्ठ भाजपा नेता व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि दोनों दलों के बीच यह तय हुआ है कि एक-दूसरे के कार्यकर्ताओं को नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि छोटे चुनावों में कुछ बातें हो जाती है, लेकिन उसे आपस में सुलझा लेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि कैबिनेट बैठक में अनुपस्थित रहना किसी तरह का बहिष्कार नहीं था। भाजपा के भी आठ मंत्री बैठक में मौजूद नहीं थे। मंत्री निकाय चुनाव की तैयारियों में व्यस्त है।