Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पुणे में एक और जमीन घोटाला! फर्जी दस्तावेज बनवाकर सरकारी भूमि हड़पी, तहसीलदार समेत 9 लोगों पर FIR

Pune Land Scam : पुणे पुलिस ने पुणे शहर के तहसीलदार सहित 8 अन्य के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके सरकारी जमीन को कथित रूप से हस्तांतरित करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है।

less than 1 minute read
Google source verification

मुंबई

image

Dinesh Dubey

Nov 07, 2025

पुणे के मुंडवा-कोरेगांव पार्क में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़े बहुमूल्य भूमि सौदे का विवाद अभी शुरू ही था कि पुणे से एक और कथित भूमि घोटाला सामने आया है। शहर के बोपोड़ी इलाके में सरकारी जमीन के फर्जी तरीके से ट्रांसफर के मामले में पुणे पुलिस ने 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने पुणे सिटी तहसीलदार सुयोगकुमार येवले, बिल्डर शीलत तेजवानी और अमाडिया एंटरप्राइजेज (Amadea Enterprises LLP) के डायरेक्टर दिग्विजय पाटिल सहित कुल 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन सभी पर सरकारी कृषि विभाग की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए ट्रांसफर करने का आरोप है।

पुणे पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं 201, 316(2), 316(5), 318(4), 336(3), 336(4), 338, 340(2), 6(2), 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है। इन धाराओं में फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तेजवानी और पाटिल पहले से ही कोरेगांव पार्क भूमि घोटाले के आरोपी हैं। इस कथित घोटाले में करीब 1,800 करोड़ रुपये की महारवतन जमीन को अवैध रूप से केवल 300 करोड़ रुपये में बेचा गया था, और उसमें 5.89 करोड़ की स्टांप ड्यूटी भी माफ की गई थी। सबसे अहम बात यह है कि दिग्विजय पाटिल एनसीपी प्रमुख अजित पवार के बेटे पार्थ पवार के साथ अमाडिया एंटरप्राइजेज में साझेदार हैं।

फिलहाल पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। दस्तावेजों की गहन जांच के साथ यह पता लगाया जा रहा है कि सरकारी जमीन को निजी कंपनी के नाम पर कैसे ट्रांसफर किया गया। पुलिस को संदेह है कि यह कथित घोटाला कुछ सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया है। फिलहाल पुलिस और संबंधित एजेंसियां इस पूरे प्रकरण की गहराई से जांच कर रही हैं।