सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत न मिलने के बाद उत्तर भारतीय विकास सेना के अध्यक्ष सुनील शुक्ला ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में राज ठाकरे और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हिंदी भाषी और उत्तर भारतीय समुदाय के खिलाफ हिंसा भड़काने और बार-बार धमकी देने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
अपनी याचिका में शुक्ला ने आरोप लगाया है कि पिछले एक साल में उन्हें अपनी राजनीतिक पहचान और महाराष्ट्र में उत्तर भारतीय प्रवासियों के पक्ष में आवाज उठाने की वजह से गंभीर धमकियों, उत्पीड़न और शारीरिक धमकी का सामना करना पड़ा है। याचिका के अनुसार, पिछले 10 महीनों में नौ लिखित शिकायतें देने के बावजूद पुलिस और प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने अक्टूबर 2024 की एक घटना का जिक्र किया, जब करीब 30 लोग, जो कथित तौर पर मनसे से जुड़े थे, उनकी पार्टी के दफ्तर में घुस आए और तोड़फोड़ की कोशिश की। आरोप है कि यह सब एक घंटे तक चला और पुलिस अधिकारी ने न तो बयान दर्ज किया और न ही किसी को गिरफ्तार किया।
याचिकाकर्ता शुक्ला ने एक अन्य घटना का भी जिक्र किया जो बीते 30 मार्च की बताई गई है, जब गुड़ी पडवा रैली में राज ठाकरे के भाषण में कथित रूप से मॉल और बैंकों में काम करने वाले गैर-मराठी हिंदी भाषी कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाली बातें कही गईं। इस भड़काऊ भाषण के बाद मुंबई में कई हिंदी भाषी कर्मचारियों पर हमले हुए।
शुक्ला ने यह भी आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट में ठाकरे के खिलाफ याचिका दायर करने के बाद उन्हें फोन और व्हाट्सऐप पर कई जान से मारने की धमकियां मिलीं। उनका फोन नंबर सोशल मीडिया पर मनसे समर्थकों द्वारा शेयर किया गया, जिस वजह से उन्हें अनगिनत धमकी भरे संदेश मिले। पुलिस और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देने के बावजूद उन्हें अब तक कोई सुरक्षा नहीं दी है।
हाईकोर्ट में शुक्ला ने खुद और अपने परिवार के लिए तत्काल पुलिस सुरक्षा, राज ठाकरे और धमकी देने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। साथ ही, चुनाव आयोग से मनसे का पंजीकरण रद्द करने पर विचार करने का निर्देश देने की अपील की है। उन्होंने यह भी मांग की है कि धमकियों और हमलों की जांच एक स्वतंत्र एजेंसी या विशेष जांच दल (SIT) को सौंपी जाए, ताकि राजनीतिक हस्तक्षेप से बचते हुए निष्पक्ष जांच हो सके।
गौरतलब हो कि मराठी भाषा विवाद को लेकर मनसे प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई करने की भी मांग की गई है। पिछले महीने इस संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट के तीन अधिवक्ताओं पंकज कुमार मिश्रा, नित्यानंद शर्मा और आशीष राय ने राज ठाकरे के खिलाफ महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (DGP) को लिखित शिकायत भेजी थी।
Published on:
15 Aug 2025 07:28 pm