Mumbai Kabutarkhana Dispute: मुंबई में कबूतरखानों पर लगी रोक को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा है। इससे जैन समुदाय को तगड़ा झटका लगा है। यह रोक मानवी स्वास्थ्य को होने वाले खतरे को देखते हुए मुंबई नगर निगम (BMC) ने लगाई थी, जिसे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने सही ठहराया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है।
याचिकाकर्ता पल्लवी पाटिल और अन्य ने दावा किया था कि मुंबई में करीब एक दशक से 51 तय स्थानों पर कबूतरों को दाना डालने की अनुमति थी, जिसे बिना ठोस कारण के मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने बंद कर दिया। उनका कहना था कि हाईकोर्ट ने बिना पूरी दलील सुने जल्दबाजी में अंतरिम आदेश दिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। इस मामले पर 13 अगस्त को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।
इस बीच, मुंबई नगर निगम ने बैन लागू होने के बाद से लगातार कार्रवाई कर रही है। आदेश का उल्लंघन कर कबूतरों को दाना डालने वालों पर आपराधिक मामला दर्ज किया जा रहा है। शिवाजी पार्क और माहिम के बाद सोमवार को गिरगांव में कबूतरों को दाना डालने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई। वहीँ, 1 अगस्त से अब तक बीएमसी ने ऐसे मामलों में 32 हजार रुपये का जुर्माना वसूला है। इसमें सबसे ज्यादा 6 हजार रुपये गोरेगांव पश्चिम से और 5,500 रुपये दादर क्षेत्र से वसूले गए हैं। कार्रवाई के लिए बीएमसी ने ठोस अपशिष्ट विभाग के कर्मचारियों को शहर के अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया है।
बता दें कि जैन समुदाय ने मुंबई में कबूतरखानों पर प्रतिबंध के विरोध में 6 अगस्त को दादर कबूतरखाना (Dadar Kabutarkhana Protest) के पास प्रदर्शन किया और तिरपाल को फाड़ दिया था। इसके बाद जैन मुनि नीलेशचंद्र विजय ने हाल ही में सरकार और अदालत को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर फैसला खिलाफ में आया तो 13 अगस्त से जैन समाज अनशन पर बैठेगा। हालांकि इसके कुछ ही घंटों बाद बीएमसी ने दादर कबूतरखाने को एक बार फिर तिरपाल से ढक दिया। इस बार बीएमसी ने पिछली बार की तुलना में अधिक मजबूत तरीके से चारों ओर तिरपाल लगाई। कबूतरखाने के चारों ओर बैरिकेडिंग की गई है। साथ ही, इलाके में दंगा नियंत्रण दल सहित भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
Updated on:
12 Aug 2025 10:20 am
Published on:
12 Aug 2025 10:19 am