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जी-सेक ईटीएफ: डेब्ट निवेश के लिए एक आकर्षक रणनीतिक विकल्प

आरबीआई ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए विकास दर और घटते शहरी उपभोग की चिंताओं के जवाब में बेंचमार्क रेपो दर में 25 बीपीएस की कटौती कर दी।

मार्केट चढ़े चाहे गिरे SIP से निवेश में है कम जोखिम।

आरबीआई ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए विकास दर और घटते शहरी उपभोग की चिंताओं के जवाब में बेंचमार्क रेपो दर में 25 बीपीएस की कटौती कर दी। दरों में इस कटौती ने विशेषकर गवर्नमेंट सिक्योरिटीज़ ईटीएफ (जी-सेक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) के माध्यम से डेब्ट निवेश के लिए एक अनुकूल माहौल बना दिया। ब्याज दरें घटने के साथ आमतौर पर दीर्घकालिक बॉन्ड्स के मूल्य बढ़ने लगते हैं। वर्तमान में 5 साल, 10 साल और 8-13 साल की अवधि के जी-सेक ईटीएफ उपलब्ध हैं, जो निवेश की विभिन्न जरूरतों को पूरा करते हैं। छोटी अवधि के जी-सेक ईटीएफ कम अस्थिर होते हैं, जबकि लंबी अवधि के जी-सेक ईटीएफ द्वारा मिलने वाला रिटर्न ब्याज दर के लिए ज्यादा संवेदनशील होता है। एनएसई के बेंचमार्क के लिए वॉल्यूम और बकाया के आधार पर इन तीन पेपरों को मानक बनाया गया है। चूंकि सबसे ज्यादा वॉल्यूम 10 साल के जी-सेक ईटीएफ में मिलता है, इसलिए अधिकतम आवंटन भी 10 साल के बेंचमार्क के लिए होता है। यह एक संरचित डेब्ट इंस्ट्रूमेंट है, जो 8 से 13 साल में मैच्योर होता है। इसमें मुख्यतः गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में निवेश किया जाता है, ताकि रिटर्न की क्षमता के साथ गवर्नमेंट सिक्योरिटी भी मिल सके। वर्तमान में यह उत्पाद बाजार की बहुत कम एसेट मैनेजमेंट कंपनियां पेश करती हैं। सबसे पहले यह उत्पाद एलआईसी म्युचुअल फंड ने साल 2014 में लॉन्च किया था।

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निवेशकों को कीमतों के असमंजस से बचाता है

इंडेक्सेशन हटने के बाद, डेब्ट निवेश का स्थानांतरण सामरिक अवसरों की ओर हो गया। इस परिदृश्य में जी-सेक ईटीएफ सबसे खास हैं, जो गवर्नमेंट सिक्योरिटी और न्यूनतम व्यय अनुपात के साथ लाभ प्रदान करते हैं। इसके अलावा, एनएवी को हर दो घंटे में अपडेट करना अनिवार्य होता है। इसलिए निवेशकों को सटीक एंट्री पॉइंट मिलता है। एनएवी बार-बार अपडेट होती है, तो पारदर्शिता बनी रहती है, जिससे निवेशकों को कीमतों के असमंजस से बचने और सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है। इस उत्पाद की उपलब्धता आसान है और तरलता ज्यादा है। जहां एएमसी के माध्यम से निवेश करने के लिए 25 करोड़ रुपए की जरूरत होती है, वहीं एक्सचेंज प्लेटफॉर्म की ओर से निवेश एक यूनिट से शुरू हो जाता है, साथ ही, मार्केट मेकर्स हमेशा टू-वे कोटेशन देते हैं। इस प्रकार रिटेल निवेशक एक मजबूत सेकेंडरी बाजार के माध्यम से गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में निवेश कर सकते हैं। मार्केट मेकर्स की मौजूदगी के चलते कीमत निर्धारण कुशलता से होता है तथा प्रक्रिया सुगमता से आगे बढ़ती है। इसलिए सामरिक स्थान पाने के इच्छुक निवेशकों के लिए ये ईटीएफ बहुत आकर्षक विकल्प हैं।

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उच्च नेट वर्थ वाले निवेशकों के लिए आकर्षक

एलआईसी म्यूचुअल फंड एएमसी की सीआईओ– फिक्स्ड इनकम मर्जबान ईरानी के अनुसार निवेश के समुदाय में मुख्यतः उच्च नेट वर्थ वाले निवेशकों के लिए इस ओपन-एंडेड उत्पाद का लचीलापन बहुत आकर्षक है, क्योंकि यह उन्हें कभी भी एग्जिट करने के विकल्प प्रदान करता है। यह विशेषता उन बाजार परिस्थितियों में खास तौर पर मूल्यवान हो जाती है, जो ट्रेडिंग के अवसर पैदा करती हैं। बाजार के मौजूदा परिदृश्य में जहां डेब्ट निवेश में सामरिक आवंटन आवश्यक हो गया है, वहीं जी-सेक ईटीएफ एक आकर्षक विकल्प के रूप में उभरा है। सॉवरेन सिक्योरिटी, मूल्य निर्धारण की कुशल प्रक्रिया और ज्यादा तरलता के कारण ये पारंपरिक डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स से बेहतर हैं, जिन्हें मैच्योर होने तक अपने पास रखना होता है। जो निवेशक ब्याज दर के बदलते परिदृश्य में लाभ के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं, उनके लिए यह ईटीएफ अच्छा विकल्प है, क्योंकि यह उनके कार्यनीतिक और स्ट्रैटेजिक पोर्टफोलियो के उद्देश्यों से मेल खाता है।


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