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नागौर जिले में शुक्रवार को हुई बेमौसम बारिश ने खरीफ की बची-कुची फसलों को भी तबाह कर दिया। जिले में चार दिन पहले हुई बारिश में जो फसलें भीगी थी, किसान उन्हें सूखाकर समेटने में लगे थे कि एक बार फिर तेज बारिश होने से खेतों में पानी भर गया। काटकर सुखाने के लिए खेतों में रखी फसलें पानी में तैरने लगी।
खींवसर तहसील में सबसे ज्यादा 68 एमएम बारिश हुई। इसी प्रकार डेगाना में 43 एमएम, जायल में 40 एमएम, मेड़ता में 8 एमएम, डेह में 7 एमएम तथा नागौर में तीन एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। जिले में पिछले चार-पांच दिन से हो रहे बेमौसम बारिश से खेतों में काटकर सुखाने के लिए रखी व पकी हुई खड़ी खरीफ की फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है। फसल कटाई के समय तबाह हुई फसलों को देखकर किसानों के आंसू निकल रहे हैं। जिले में इस वर्ष अब तक 702 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है।
मूण्डवा, ईनाणा, खेंण, खुड़खुड़ा, भडाणा, जनाणा, पालड़ी जोधा, पालड़ी पिचकिया सहित कई गांवों बारिश हुई है। तीन दिन पहले हुई बारिश से भीगी फसलें सूखी भी नहीं थी कि फिर हुई बारिश ने किसानों को खून के आंसू रुला दिया है। अगेती फसल काटी जा चुकी है। जिसके नैणें खेतों में सूख रहे थे। लेकिन इस बारिश के कारण अब नैणें डूब गए हैं। पछेती खड़ी फसल पक कर तैयार है। मूंग की फसल की फळियां सूख चुकी है।
जिनके अंदर का दाना अब भीगने के कारण बदरंग हो जाएगा। मूंग के अलावा बाजरा, ग्वार तथा अन्य फसलों में भी नुकसान हुआ है। किसानों ने बताया कि इस वर्ष असंतुलित बारिश से किसानों की फसलें चौपट हो गई है। सरकार को विशेष गिरदावरी करवाकर मुआवजा देकर किसानों को राहत देनी चाहिए। साथ ही जिन किसानों का फसल बीमा है उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए।
Published on:
03 Oct 2025 07:07 pm
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