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सांभर झील सैकड़ों मछलियों की मौत

नावांशहर (नागौर). सांभर झील क्षेत्र में रविवार सुबह सैंकड़ों की संख्या में मृत मछलियां मिलने से हड़कंप मच गया। वन व पशुपालन विभाग की टीमें मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किए। ये मृत मछलियां मोहनपुरा डूंगरी के पास झील किनारे में पड़ी मिलीं।

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नावां. कट्टे में एकत्रित की गई सांभर झील में मरी मृत मछलियां।

- मोहनपुरा डूंगरी क्षेत्र में नजर आई मृत मछलियां

- वन व पशुपालन विभाग की टीमें पहुंची मौके पर, बचाव कार्य में जुटी

नावांशहर (नागौर). सांभर झील क्षेत्र में रविवार सुबह सैंकड़ों की संख्या में मृत मछलियां मिलने से हड़कंप मच गया। वन व पशुपालन विभाग की टीमें मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किए। ये मृत मछलियां मोहनपुरा डूंगरी के पास झील किनारे में पड़ी मिलीं।

प्रथम दृष्टया मछलियों की मौत का कारण पानी में ऑक्सीजन की कमी व खारापन पढ़ना सामने आया है। पशुपालन विभाग ने जांच के लिए सैम्पल लिए हैं। गौरतलब है कि इससे पहले विदेशी पक्षियों की मौत हुई थी।

रेस्क्यू कार्य में जुटे विभागीय कर्मचारियों ने बताया कि सुबह झील किनारे व सतह पर बहकर आई मृत मछलियां नजर आई। वन व पशुपालन विभाग की रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंची। कर्मचारियों ने मृत मछलियों को कट्टों में भरकर हटाना शुरू किया। मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि झील के पानी में रासायनिक बदलाव, प्रदूषण या तापमान में असामान्य उतार-चढ़ाव से यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है। मछलियों के मरने की वास्तविक स्थिति का खुलासा झील के पानी व मृत मछलियों के सैम्पल की जांच रिपोर्ट आने पर होगा।

अनेक प्रजातियों की मृत मछलियां

झील किनारे मिली मृत मछलियों में मांगुर , सिंघी, सिक्लिड , तिलापिया सहित अनेक प्रजातियों की मछलियां शामिल हैं। वन , पशुपालन व नगरपालिका की टीमों ने मृत मछलियों को एकत्रित कर निस्तारण करवाया।

अधिक खारा पानी झील में आना भी कारण

पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया नमक की क्यारों से निकलने वाला अधिक खारा पानी झील में आने के कारण यह स्थिति बन सकती है। खारेपन से पानी में ऑक्सीजन स्तर घट की आशंका रहती है।

इनका कहना

करीब 845 मृत मछलियों का निस्तारण किया गया है। मौत के कारणों की जांच के लिए पानी व मृत मछलियों के सैम्पल एकत्रित कर जांच के लिए भेजें है। सांभर झील में पूर्व में हुई पक्षियों की मौत लेकर आठ टीमें लगातार बचाव कार्य में जुटी है।

डॉ. मोतीलाल चौधरी, वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी, पशुपालन विभाग, नावां शहर।

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नहीं रूक रहा पक्षियों के मरने का सिलसिला

सांभर झील में 30 अक्टूबर से अब तक 40 दिन में 186 विदेशी पक्षियों की मौत हो चुकी है। रेस्क्यू के बाद 18 स्वस्थ पक्षियों को झील में छोड़ा गया। वन विभाग के अनुसार झील में अभी करीब 16 विदेशी प्रजातियों के मृत पक्षी है। जिसमें नॉर्थरन शॉवलर, कंटिश प्लोवर, ब्लैक इंगेड स्टिल्ट, रेड वॉटलेड लपविंग, कॉमन कूट, पोंड हेरॉन, इग्रेट, कॉमन म्यान, क्रो, ओवेल, ग्रीब, कुकु, पेंटेड स्टोर्क सहित अनेक देशी-विदेशी पक्षी शामिल हैं।