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Rajasthan Cyber ​​Crime: रातों रात करोड़पति बनने के चक्कर में युवा अपना रहे साइबर अपराध का रास्ता, नागौर में ऐसे हुआ साइबर फ्रॉड का खुलासा

Nagaur Cyber ​​Crime: राजस्थान का नागौर जिला म्यूल खाताधारकों का हॉट स्पॉट बन चुका है। बेरोजगार युवक, कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र एवं मजदूर म्यूल खाताधारक बनकर मात्र 8 से 15 हजार रुपए में अपने बैंक खाते बेच रहे हैं।

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Cyber ​​Crime

साइबर क्राइम (फोटो पत्रिका नेटवर्क)

नागौर। राजस्थान का नागौर जिला म्यूल खाताधारकों का हॉट स्पॉट बन चुका है। बेरोजगार युवक, कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र एवं मजदूर म्यूल खाताधारक बनकर मात्र 8 से 15 हजार रुपए में अपने बैंक खाते बेच रहे हैं। पुलिस ने पूरी चेन को उजागर करते हुए नागौर जिले में साइबर अपराधियों के बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है।

साइबर थाने में गत 13 अक्टूबर 2025 को एक रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर जांच करते हुए एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया, जो कई राज्यों के पीड़ितों से ठगे गए पैसों को विभिन्न म्यूल बैंक खातों में डालकर आगे से आगे ट्रांसफर करता था। इस मामले में पुलिस ने 24 युवकों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने 80 से अधिक बैंक खातों के जरिए साइबर ठगी को अंजाम दिया। एसपी मृदुल कच्छावा ने बुधवार को कार्रवाई का खुलासा किया।

उन्होंन बताया कि साइबर ठग बेरोजगार युवकों, विद्यार्थियों एवं मजदूरों को लालच देकर उनके बैंक खाते किराए पर लेते हैं। साइबर फ्रॉड की राशि का इन खातों में लेन-देन करते हैं। नागौर म्यूल खाताधारकों का हॉट स्पॉट बन चुका है। यहां म्यूल खाताधारक मात्र 8 से 15 हजार रुपए में अपने बैंक खाते बेच रहे हैं। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 21 एंड्रॉयड मोबाइल भी जब्त किए हैं, जिनके माध्यम से आरोपी यूपीआई, पासवर्ड और फ्रॉड ऐप्स नियंत्रित करते थे। एसपी ने बताया कि यह सिर्फ 24 युवकों की गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि साइबर क्राइम ‘म्यूल सप्लाई चेन’ पर चोट है। नागौर पुलिस ने अगले 60 दिन में नागौर को ‘साइबर म्यूल फ्री’ जिला बनाने का लक्ष्य तय किया है।

ज्यादातर आरोपियों की उम्र 19 से 30 साल

पुलिस ने जिन 24 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें ज्यादातर की उम्र 19 से 30 वर्ष के बीच है। यानी साइबर अपराधी ऐसे युवकों को अपने जाल में फंसाते हैं, जिनके पास साइबर अपराध के बारे में ज्यादा समझ नहीं होती। इनमें ज्यादातर बेरोजगार युवक, विद्यार्थी एवं मजदूर होते हैं, जो छोटे-से लालच में आकर अपने खाते किराए पर सौंप देते हैं। एसपी ने युवाओं को चेतावनी देते हुए कहा कि खाता किराए पर देना बीएनएस-2023 में गंभीर अपराध है। आरोपी के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।

ऐसे हुआ साइबर फ्रॉड का खुलासा

साइबर थाने के हैड कांस्टेबल लुकमान खान ने साइबर अपराधों से जुड़ी एक रिपोर्ट साइबर थाने में पेश की। इस रिपोर्ट में एसपी मृदुल कच्छावा के आदेशानुसार साइबर अपराध को लेकर यूको बैंक की सभी म्यूल खातों पर शिकायत पंजीबद्ध की गई। जांच के दौरान सामने आया कि विभिन्न राज्यों के पीड़ितों की वैध राशि को साइबर फ्रॉड से संदिग्ध खातों में अवैध तरीके से जमा करवाया गया।

यूको बैंक के खाताधारक मूण्डवा निवासी शराफत पुत्र बुंदू सांई सहित ऐसे 84 खाताधारक सामने आए, जिनके खातों में दूसरे राज्यों में ठगी की गई राशि को जमा करवाया गया। इन खाताधारकों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में साइबर अपराध की शिकायतें थानों में दर्ज हैं। एसपी ने बताया कि साइबर शिकायतों से यह सामने आया कि सभी खाताधारकों ने अपने खातों में अवैध तरीके से राशि जमा करवाई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच सदर थानाधिकारी सुरेश कस्वां को सौंपी।