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भोलेनाथ के जयकारों से शिव की भक्ति में डूबा नागौर

नागौर. हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजता आसमान। पुष्प वर्षा से रंगीन हुई सड़कें, सबसे आगे सजी भगवान नृसिंह की सजीव झांकी , पीछे नृत्य करते अघोरी और कंधों पर 111 किलो की कांवड़ उठाए शिवभक्त। यह नजारा था शुक्रवार को नागौर शहर में धार्मिक उत्सव आयोजन समिति की ओर से चेनार स्थित शक्कर तालाब से शिवबाड़ी तक निकाली गई विशाल कांवड़ यात्रा का।

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कांवड़ यात्रा

4 किलोमीटर लम्बी कांवड़ यात्रा में काशी नगरी सा नजारा

111 किलो की कांवड़, भगवान नृसिंह की झांकी और अघोरियों का नृत्य आकर्षण का केन्द्र

- -50 से अधिक स्वागत द्वार बनाकर जेसीबी से पुष्पवर्षा

- शिवबाड़ी में शानेश्वर महादेव का किया अभिषेक

नागौर. हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजता आसमान। पुष्प वर्षा से रंगीन हुई सड़कें, सबसे आगे सजी भगवान नृसिंह की सजीव झांकी , पीछे नृत्य करते अघोरी और कंधों पर 111 किलो की कांवड़ उठाए शिवभक्त। यह नजारा था शुक्रवार को नागौर शहर में धार्मिक उत्सव आयोजन समिति की ओर से चेनार स्थित शक्कर तालाब से शिवबाड़ी तक निकाली गई विशाल कांवड़ यात्रा का। हजारों शिवभक्त कांधे पर कांवड़ उठाए बाबा भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए निकले तो माहौल शिव की भक्ति में रम गया।

आस्था और उत्साह का माहौल

समिति की ओर से तीसरी बार निकाली गई चारकिलोमीटर लम्बी इस विशाल कांवड़ यात्रा के दौरा भक्ति, आस्था और उत्साह से माहौल बदला नजर आया। मार्ग में विभिन्न संगठनों और दुकानदारों की ओर से जेसीबी से पुष्पवर्षा कर कांवडियों का स्वागत किया गया। कीर्तन और शंखनाद की गूंज से नागौर में काशी नगरी सा नजारा था।

शंखनाद के साथ शुरुआत, शिवबाड़ी में जलाभिषेक

कांवड़ यात्रा की शुरुआत सुबह सवा 7 बजे शक्कर तालाब में पूजा-अर्चना से हुई। पंडित सुनील दाधीच ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गणपति पूजन व सरोवर पूजा करवाया। सुबह करीब सवा 8 बजे शंखनाद कर संत महात्माओं ने कांवड़ यात्रा को रवाना किया। इस यात्रा में 111 किलो की विशाल कांवड़ साथ रही। कांवड़ यात्रा चैनार से विजय वल्लभ चौक, दिल्ली गेट, ए रोड, गांधी चौक, किले की ढाल होती हुई शिवबाड़ी स्थित शानेश्वर महादेव मंदिर पहुंची। यहां शिवभक्तों ने शानेश्वर महादेव का जलाभिषेक किया। कपिल शर्मा और कैलाश रतावा की टीम पूरे मार्ग में शंखनाद करते चल रही थी।

हरिद्वार से आए गंगाजल व पुष्कर सरोवर के जल से अभिषेक

शानेश्वर महादेव परिसर में महिलाओं एवं पुरुषों की अलग-अलग लाइन बनाई गई। व्यवस्थित रूप से अभिषेक कराने के लिए स्वयंसेवक भोले के भक्तों की सहायता में जुटे थे। अभिषेक के दौरान ओम नम: शिवाय का पंचाक्षर महामंत्र गूंजता रहा।

धार्मिक सभा में दिया समरसता का संदेश

जलाभिषेक के बाद मंदिर परिसर में धार्मिक सभा हुई। सभा मेंं महामण्डलेश्वर बजरंगदास महाराज ने कहा सर्वे भवन्तु सुखिन: की कामना केवल हिंदू समाज करता है, जो सभी के सुख और निरोग रहने की भावना रखता है। महंत जानकीदास ने जाति-पांति, ऊंच-नीच और छुआछूत खत्म करने का आह्वान करते हुए कहा हमें एक जाजम पर बैठकर एकता का गर्व महसूस करना चाहिए। महंत लक्ष्मी नारायण दास, सर्वेश्वर महाराज, महंत मुरलीराम , महंत भागीरथराम शास्त्री, साध्वी सुखी बाई सहित कई संतों ने संबोधित किया।

पुष्पवर्षा व सजाए स्वागत द्वार

कांवड़ यात्रा के मार्ग में 50 से अधिक सामाजिक संगठनों और व्यापारियों ने स्वागत द्वार लगाए। सैनिक क्षत्रिय माली समाज भवन तथा विजय वल्लभ चौक पर जेसीबी से पुष्पवर्षा की गई। दिल्ली गेट से शिवबाड़ी तक जगह-जगह श्रद्धालुओं ने फूल बरसाए।

यह रहे आकर्षण का केन्द्र

-भगवान नृसिंह की अग्रिम झांकी

-काली माता, शिव-पार्वती, राम दरबार और भस्म आरती की झांकियां

- अघोरियों का अद्वितीय नृत्य

- शंखनाद और भजन-कीर्तन

- चार किलोमीटर लंबी यात्रा में भीड

इनका रहा सहयोग

लायंस क्लब, व्यापार मंडल, माली समाज, जयतु भारत ग्रुप, सेवन डोर फाउण्डेशन, निस्वार्थ गौ सेवा रथ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, धार्मिक उत्सव आयोजन समिति एवं मातृशक्ति सहित कई संस्थाओं के कार्यकर्ता व्यवस्था में जुटे थे।

विशेष उपस्थिति

विधायक रेवंतराम डागा, आरएसए के रुद्र कुमार शर्मा, लोकेश टांक, हरिराम धारणिया, पूर्णिमा कात्याल, राजेश रावल, भगवानाराम तंवर, सूरजमल भाटी, मेघराज राव, बालकिशन भाटी, रामकिशोर बरड़वा, इच्छाराम कंसारा, सुखदेव मनिहार, मनीष शर्मा, राधेश्याम टोगसिया, विशाल शर्मा, बबीता बेनीवाल, माया सांखला कई संत-महात्मा, जनप्रतिनिधि आदि मौजूद थे।