नागौर. जिले के सोनेली गांव में रविवार तडक़े घर में सो रही एक महिला को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने का मामला सामने आया। महिला को गंभीर हालत में नागौर के जेएलएन अस्पताल लाया गया, जहां से उसे प्राथमिक उपचर के बाद जोधपुर रेफर किया गया। जोधपुर रेफर करते समय पीडि़त महिला भंवरीदेवी बार-बार यह कह रही थी कि आरोपी उसका मुंह बंद करके उठा ले गए और जला दिया। वहीं महिला के बेटे मनीष व श्यामलाल ने कहा कि उनकी मां की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। मां ने खुद ही आग लगाई है। ऐसे में पुलिस के लिए यह जांच का विषय है कि महिला को आग किसने और क्यों लगाई।
जानकारी के अनुसार पीडि़त महिला भंवरीदेवी (50) ने अस्पताल में प्राथमिक उपचार व रेफर करने के दौरान बताया कि वह शनिवार की रात को अपने घर में सो रही थी। रात को उसके ही रिश्तेदार आए और उसका मुंह बंद कर उठा ले गए और जला दिया। इसके बाद वे भाग गए। महिला ने कुछ रिश्तेदारों के नाम भी लिए। वहीं पति रिद्धकरण नायक व उसके बेटों ने बताया कि भंवरीदेवी को जलता देख उन्होंने पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन जब आग नहीं बुझी तो रजाई डालकर बुझाई। आग लगाने वाले कौन थे, इसकी जानकारी नहीं है। घटना के बाद उसे गंभीर हालत में नजदीकी डेह हॉस्पिटल लेकर गए, जहां स्थिति गंभीर होने पर नागौर जेएलएन अस्पताल लाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद भंवरीदेवी को जोधपुर रेफर कर दिया। पुलिस ने बताया कि महिला 80 प्रतिशत तक जल गई है, जोधपुर में उसका उपचार चल रहा है।
पीडि़ता के परिवार का पक्ष
जेएलएन अस्पताल में पीडि़ता के पति रिद्धकरण ने अपने ही रिश्तेदारों पर शक जाहिर किया। वहीं जोधपुर में महिला के बेटे मनीष व श्यामलाल ने कहा कि उनकी मां की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, कभी-कभी ऐसे दौरे पड़ते थे। हालांकि वर्तमान में कोई दवा नहीं चल रही है। घटना के समय सब घर में सो रहे थे। मां ने जल्दी उठकर पहले चाय बनाई और फिर घर में रखे पेट्रोल को डालकर खुद ही आग लगा ली। घर का मुख्य गेट अंदर से बंद था। इसलिए किसी के बाहर से आने का सवाल ही नहीं था। वे भंवरीदेवी के चिल्लाने पर जागे।
पुलिस कार्रवाई और जांच की स्थिति
घटना को लेकर रविवार शाम तक रोल थाने में किसी ने रिपोर्ट नहीं दी। थानाधिकारी राधाकिशन ने बताया कि उन्हें सुबह करीब साढ़े 7 बजे फोन पर सोनेली निवासी भंवरीदेवी पत्नी रिद्धकरण नायक की किसी ज्वलनशील पदार्थ से जलने की सूचना मिली। महिला के बेटे व बेटी से बात करने पर उन्होंने बताया कि आग महिला ने खुद ही लगाई है। रसोई में पेट्रोल कहां से आया, इस पर थानाधिकारी ने बताया कि मोटरसाइकिल में डालने के लिए बेटा लेकर आया था, जो घर में रखा हुआ था।
जिला चिकित्सालय में नहीं है बर्न यूनिट
नागौर के जेएलएन जिला चिकित्सालय में बर्न यूनिट ही नहीं है। मेडिकल कॉलेज स्तर का अस्पताल होने के बावजूद यहां गंभीर घायलों व मरीजों को आमतौर पर हायर सेंटर रेफर किया जाता है। जले हुए गंभीर घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद सीधा रेफर किया जाता है।
पीडि़ता के घर पर पसरा सन्नाटा
घटना के बाद पीडि़ता के पति सहिबड़े बेटे उसके साथ जोधपुर गए हैं, जबकि पीछे बच्चे हैं और घर में सन्नाटा पसरा हुआ है। घर की रसोई में दो तस्वीर जली हुई मिली, बाकि जलने के कोई निशान मौके पर नहीं हैं। पुलिस ने रसोई को ताला लगाकर बंद कर दिया है।
बेटों ने कहा - किसी को कसूर नहीं
जेएलएन अस्पताल में स्ट्रेचर पर भंवरीदेवी बार-बार यह कह रही थी कि उसे ससुराल पक्ष के कुछ लोगों ने जलाया है। इस दौरान महिला ने कुछ लोगों के नाम भी लिए। जबकि बेटे मनीष व श्यामलाल ने जोधपुर जाने के बाद पुलिस व पत्रिका को बताया कि उनकी मां भंवरीदेवी ने खुद ही आग लगाई है। इसमें किसी का कसूर नहीं है। इसी प्रकार घर पर एक बेटी ने भी पुलिस को बताया कि आग उसकी मां ने खुद ही लगाई है। गौरतलब है कि भंवरीदेवी के सात संतान हैं, जिनमें चार बेटे व तीन बेटियां हैं।
जांच के बाद ही कुछ कह सकेंगे
महिला के जलने को लेकर जो भी तथ्य अभी तक सामने आए हैं, सब प्रथम दृष्टया हैं। इसलिए बगैर जांच किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते। बेटों के कहे अनुसार महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, पुलिस प्रत्येक एंगल से जांच करेगी। फिलहाल किसी प्रकार की रिपोर्ट नहीं दी गई है।
- मृदुल कच्छावा, एसपी, नागौर
Published on:
11 Aug 2025 10:55 am