प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फोटो- X/@nanarendramodi)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को किसी भी सरकार के मुखिया के रूप में 24 साल पूरे कर 25वें साल में प्रवेश कर लिया। 2001 में 7 अक्टूबर को उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
तब से वे लगातार किसी ने किसी सरकार के सर्वोच्च पद पर बने हुए हैं। 13 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और 2014 से प्रधानमंत्री हैं। पीएम मोदी ने एक्स पर इस सफर का जिक्र किया।
उन्होंने लिखा कि देशवासियों के निरंतर आशीर्वाद से मैं सरकार के मुखिया के रूप में अपनी सेवा के 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहा हूं। भारत की जनता के प्रति मेरी कृतज्ञता है।
उन्होंने लिखा, मेरी पार्टी ने मुझे बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में गुजरात के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। उस साल गुजरात भीषण भूकंप की मार से जूझ रहा था।
उससे पहले चक्रवात, सूखा और राजनीतिक अस्थिरता थी। इन चुनौतियों ने गुजरात के पुनर्निर्माण के संकल्प को और मजबूत किया। इस दौरान उन्होंने मां की सीख को याद किया।
पीएम मोदी ने लिखा, जब मैंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तो मुझे याद है कि मेरी मां ने मुझसे कहा था किमुझे तुम्हारे काम की ज्यादा समझ नहीं है, लेकिन मैं बस दो चीजें कहूंगी।
पहला, हमेशा गरीबों के लिए काम करना और दूसरा, कभी रिश्वत मत लेना। मैंने भी लोगों से यही कहा कि मैं जो भी करूंगा वो नेक इरादे से करूंगा और कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति की सेवा करने के विजन से प्रेरित रहूंगा।
ये 25 साल कई अनुभवों से भरे रहे हैं। साथ रहकर हम लोगों ने अभूतपूर्व प्रगति की है। मुझे आज भी याद है जब मैंने मुख्यमंत्री का पद संभाला था तो ये कहा जाता था कि गुजरात फिर से खड़ा नहीं हो सकता।
आम लोगों और किसानों की ये शिकायत थी कि उन्हें बिजली और पानी पर्याप्त नहीं मिल पाता है। कृषि मंदी में थी और औद्योगिक विकास स्थिर था। हमने मिलकर गुजरात को गुड गवर्नेंस का पावरहाउस बनाया।
2013 में मुझे 2014 लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया। तब की यूपीए सरकार भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और पॉलिसी पैरालिसिस के सबसे बुरे रूप का पर्याय बन चुकी थी।
दुनिया में भारत को एक कमजोर कड़ी के रूप में देखा जाता था, लेकिन तब लोगों ने हमें प्रचंड बहुमत दिया। तीन दशक में पहली बार किसी दल को ऐसा बहुमत मिला था।
पिछले 11 सालों में हम भारत के लोगों ने साथ मिलकर काम किया और कई बदलाव हासिल किए। हमारे अभूतपूर्व प्रयासों ने पूरे भारत के लोगों, विशेषकर हमारी नारी शक्ति, युवा शक्ति और मेहनती अन्नदाताओं को सशक्त बनाया है।
25 करोड़ से ज़्यादा लोग गरीबी के चंगुल से बाहर निकले हैं। भारत को मेजर ग्लोबल इकोनॉनी में एक ब्राइट स्पॉट के रूप में देखा जा रहा है।
हमने व्यापक सुधार किए हैं और सभी क्षेत्रों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की जनभावना है। ‘गर्व से कहो, यह स्वदेशी है’की बात हो रही है।
1. पवन चामलिंग - 24 वर्ष (सीएम सिक्किम)
2. ज्योति बसु : 23 वर्ष (सीएम पश्चिम बंगाल)
3. गेंगांग अपांग- 19 वर्ष (सीएम अरुणाचल)
4. माणिक सरकार- 19 वर्ष (सीएम त्रिपुरा)
5. नवीन पटनायक- 19 वर्ष (सीएम ओडिशा)
Published on:
08 Oct 2025 08:33 am
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