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5 साल पहले मंदिर आई युवती से पुजारी को हो गया था प्रेम, फिर 30 महीने पुलिस संग चली गुत्थमगुत्थी-अब रचाई शादी

केरल के सुजीत ने पुलिसिया अत्याचार के खिलाफ खुद लड़ाई लड़ी और आरटीआई से सबूत जुटाए।

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भारत

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Ashish Deep

Sep 20, 2025

कांग्रेस नेता सुजीत को पुलिस ने झूठे आरोप में पकड़ा था। (फोटो : Patrika)

के केरल के कांग्रेसी नेता वीएस सुजीत और तृष्णा आखिरकार एक हो गए। 5 साल का प्रेम संबंध अब वैवाहिक संस्कार में तब्दील हो चुका है। दोनों ने गुरुवयूर मंदिर में शादी रचा ली है। इनकी मुलाकात एक मंदिर में हुई थी, जहां सुजीत पुजारी थे। साथ ही वह त्रिशूर यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। हालांकि एक भयानक हादसे ने सुजीत की जिंदगी पूरी तरह बदल दी थी।

30 महीने चली पुलिस के साथ गुत्थमगुत्थी

आज सुजीत ढंग से सुन नहीं सकते हैं क्योंकि केरल पुलिस के लोगों ने एक बार उन्हें इतनी बुरी तरह टॉर्चर किया था कि उनकी सुनने की क्षमता पर असर पड़ा। घटना कुन्नमकुलम पुलिस स्टेशन की है, जहां 5 अप्रैल 2023 को 5 पुलिस वालों ने उन्हें बुरी तरह से मारा-पीटा था। सुजीत का कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने पुलिसवालों को मासूम छात्रों को परेशान करने से टोका भर था। इस पर पुलिसवालों का इगो हर्ट हो गया और उन्होंने छात्रों को छोड़ सुजीत को उठा लिया। उसके बाद थाने में लाकर थर्ड डिग्री से भी बुरा टॉर्चर किया। इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी की ओर से जोरदार प्रदर्शन हुआ था। आला अधिकारियों को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा था और सभी पुलिसवाले सस्पेंड कर दिए गए।

आरटीआई से निकलवाया सबूत

सुजीत ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत थाने का सीसीटीवी फुटेज हासिल कर 2 सितंबर को सार्वजनिक किया। वीडियो में पुलिसकर्मी उन्हें लॉकअप में मारते-पीटते साफ दिख रहे हैं। सुजीत का आरोप है कि बाद में उन्हें कैमरे से दूर कमरे में ले जाकर और भी प्रताड़ित किया गया। पुलिस ने सुजीत को नशे में अभद्र व्यवहार के झूठे आरोप में गिरफ्तार किया था, लेकिन मेडिकल जांच में यह साबित हुआ कि उन्होंने शराब नहीं पी रखी थी। जमानत मिलने के बाद उन्होंने बताया कि इस पिटाई से उनकी सुनने की क्षमता स्थायी रूप से प्रभावित हुई और इलाज पर भारी खर्च करना पड़ा।

केरल पुलिस पहले भी रही है बदनाम

यह पहला मामला नहीं है। मई 2023 में कारोबारी केपी ओसफ ने भी RTI से सीसीटीवी फुटेज निकालकर अपने साथ हुई पुलिस मारपीट को उजागर किया था। इसी साल अप्रैल में वायनाड में 17 वर्षीय आदिवासी युवक गोपाल की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी, जिस पर जांच सीबीआई को सौंपी गई। पूर्व डीजीपी ए. हेमचंद्रन का कहना है कि हिरासत में यातना के कई आरोप वर्षों से लगते आए हैं लेकिन अक्सर जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई नहीं होती।

नई आचार संहिता लागू करेगी पुलिस

इस बीच, राज्य के डीजीपी रवाडा चंद्रशेखर ने वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाकर नई आचार संहिता लागू करने की बात कही है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन खुद इमरजेंसी के दौर में विधायक रहते हुए पुलिस हिरासत में यातना झेल चुके हैं। अब उन्हीं की सरकार पर 2023 की एक घटना को लेकर पुलिस ज्यादती के आरोपों ने सवाल खड़े कर दिए हैं।