गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने एक सनसनीखेज खुलासे में अल-कायदा की कथित मास्टरमाइंड शमा परवीन को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया है कि शमा परवीन (Shama Parveen) का सीधा कनेक्शन पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर (Asim Munir) से था। उसने सोशल मीडिया के जरिए न केवल आतंकी संगठन अल-कायदा (Al-Qaeda) के प्रचार को बढ़ावा दिया, बल्कि भारत में 'गजवा-ए-हिंद' और 'खिलाफत प्रोजेक्ट' को लागू करने के लिए पाकिस्तानी सेना से हमले की अपील भी की थी।
30 वर्षीय शमा परवीन, जो मूल रूप से झारखंड के कोडरमा जिले की रहने वाली है और पिछले 12 साल से बेंगलुरु में रह रही थी, अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) के टेरर मॉड्यूल की मुख्य सरगना बताई जा रही है। गुजरात एटीएस के अनुसार, शमा ने इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भड़काऊ सामग्री साझा कर युवाओं को कट्टरपंथ की ओर उकसाने का काम किया। उसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 7 से 10 मई के बीच कई पोस्ट्स में पाकिस्तान सेना प्रमुख असीम मुनीर से भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने की मांग की थी।
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि शमा परवीन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अन्य आतंकी संगठनों के संपर्क में थी। उसके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज से मिले सबूतों ने पाकिस्तान से उसके सीधे संबंधों की पुष्टि की है। शमा ने अल-कायदा के पूर्व चीफ मौलाना असीम उमर और लाहौर की लाल मस्जिद के इमाम अब्दुल अजीज के भड़काऊ बयानों को सोशल मीडिया पर साझा कर भारत में धार्मिक उन्माद और हिंसा फैलाने की कोशिश की।
गुजरात एटीएस की प्रेस रिलीज के मुताबिक, भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों के खिलाफ शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दो दिन बाद, 9 जुलाई को शमा ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट डाली थी। इसमें उसने जनरल असीम मुनीर से भारत पर हमला करने और 'खिलाफत प्रोजेक्ट' को लागू करने का आह्वान किया था। उसने इसे "सुनहरा मौका" करार दिया।
गुजरात एटीएस ने 10 जून 2025 को मिली गुप्त सूचना के आधार पर चार राज्यों में कार्रवाई शुरू की थी। इससे पहले 23 जुलाई को चार अन्य आतंकियों को दिल्ली, नोएडा, मोडासा और अहमदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। शमा परवीन की गिरफ्तारी इस टेरर मॉड्यूल को ध्वस्त करने में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। उसके खिलाफ UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एटीएस की जांच में पता चला कि शमा परवीन इंस्टाग्राम पर 10,000 से अधिक फॉलोअर्स वाले अकाउंट्स के जरिए युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का काम कर रही थी। वह 4-5 ऑनलाइन टेरर मॉड्यूल्स को संचालित कर रही थी और स्लीपर सेल्स को सक्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थी। उसके द्वारा शेयर किए गए वीडियो और पोस्ट्स में भारत विरोधी भावनाएं, सांप्रदायिक नफरत और हिंसक जिहाद का समर्थन साफ झलकता था।
Updated on:
07 Aug 2025 10:23 am
Published on:
07 Aug 2025 10:22 am