Bengaluru Stray Dog Incident: HSR लेआउट, बेंगलुरु – रात करीब 11 बजे का समय था, जब एक उत्तर भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर को जान बचाने के लिए एक अनजान बिल्डिंग के गेट में कूदना पड़ा। वजह थी – गली के कुत्तों का झुंड, जो उसका पीछा कर रहा था (Bengaluru stray dog incident), लेकिन जब उसने अपनी जान बचाई, तो स्थानीय निवासियों ने उसे चोर समझ कर घेर लिया और उसका फोन तक छीन लिया। रेडिट पर शेयर (Bengaluru Reddit news)की गई इस पोस्ट के मुताबिक, पीड़ित सॉफ्टवेयर इंजीनियर जब रात को घर लौट रहा था, तभी कुछ आवारा कुत्तों ((Techie chased by dogs))ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया। जान का खतरा होने के कारण वह पास की एक पार्क की गई कार के पीछे छिपा, लेकिन जल्द ही उसने एक बिल्डिंग का गेट कूद कर अंदर घुसने का फैसला लिया।
जैसे ही वह अंदर घुसा, बिल्डिंग के एक बुज़ुर्ग, उनकी बेटी और पत्नी बाहर आ गए। युवक ने तुरंत माफी मांगी और अपनी स्थिति समझाई, लेकिन उन्हें भरोसा नहीं हुआ। उन्होंने साफ कहा – "हमें तुम्हारी हालत की परवाह नहीं है।"
पीड़ित ने खुद को एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताते हुए अपना पैन, आधार, पता और ऑफिस प्रोफाइल तक दिखाया, लेकिन उन्होंने उसका फोन छीन लिया और कहा कि अगली सुबह तक उसे लौटाया जाएगा, जब तक वे जांच नहीं कर लेते।
युवक ने सीसीटीवी फुटेज या पुलिस बुलाने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। करीब 30 मिनट तक उसका फोन उनके पास ही रहा।
स्थिति तब बदली जब एक पड़ोसी ने सीसीटीवी फुटेज चेक करने की पेशकश की। वीडियो देख कर यह साफ हुआ कि युवक सच बोल रहा है और वाकई कुत्ते उसका पीछा कर रहे थे। इसके बाद बुज़ुर्ग ने उसका फोन लौटाया।
पीड़ित ने IPC की धारा 81 और 97 का हवाला दिया, जिनके मुताबिक खतरे के समय खुद को बचाने के लिए निजी संपत्ति में घुसना अपराध नहीं है। साथ ही, पुलिस को बिना बताए फोन जब्त करना धारा 403 के तहत अवैध है।
पोस्ट के आखिर में युवक ने कहा, “मैं चोरी नहीं कर रहा था, बस खुद को बचा रहा था।” उसने यूजर्स से पूछा – अगर आप मेरी जगह होते तो क्या करते?
बहरहाल यह घटना केवल कुत्तों के डर की नहीं, बल्कि विश्वास की कमी और बढ़ती सामाजिक असंवेदनशीलता की भी कहानी है। यह बताती है कि समाज में कैसे एक इंसान की मदद करने के बजाय उसे शक की नजर से देखा जाता है।
Published on:
11 Aug 2025 09:24 pm