Bihar SIR: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। ADR ने बिहार में हाल ही में प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची में छूटे लगभग 65 लाख मतदाताओं का विवरण जारी करने का निर्देश देने की मांग की। ADR ने याचिका में राजनीतिक दलों, लोगों और याचिकाकर्ताओं को मसौदा वोटर लिस्ट की दोबारा जांच और सत्यापान करने में सक्षम बनाने के लिए EC से सूची जारी करने की मांग की है।
ADR की इस याचिका में मसौदा वोटर लिस्ट में शामिल उन मतदाताओं की विधानसभा क्षेत्र और बूथवार सूची भी मांगी गई है जिनके गणना फॉर्म बूथ स्तरीय अधिकारी द्वारा "अनुशंसित" नहीं किए गए हैं।
बता दें कि इस याचिका में चुनाव आयोग के 25 जुलाई के प्रेस बयान का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के परिणामस्वरूप लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम मौजूदा मतदाता सूची से हटाए जाने की संभावना है।
याचिका में कहा गया कि इससे पता चलता है कि चुनाव आयोग के पास लगभग 22 लाख मृत मतदाताओं, लगभग 35 लाख ऐसे मतदाताओं जो या तो स्थायी रूप से पलायन कर गए हैं या जिनका पता नहीं लगाया जा सका है, लगभग सात लाख ऐसे मतदाताओं जो कई स्थानों पर पंजीकृत हैं और लगभग 1.2 लाख ऐसे मतदाताओं के नाम और अन्य विवरण मौजूद हैं जिनके गणना प्रपत्र अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं।
इस बीच, बिहार चुनाव कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक विपक्षी दलों के आरोपों और इस कथन के विपरीत कि एसआईआर बड़ी संख्या में मतदाताओं को मताधिकार से वंचित कर सकता है, विपक्ष ने इस प्रक्रिया में एक भी खामी नहीं बताई है। चुनाव आयोग ने कहा कि 1 अगस्त के बाद से किसी भी राजनीतिक दल द्वारा एक भी दावा या आपत्ति दर्ज नहीं की गई है।
कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने एसआईआर प्रक्रिया के दौरान अपने गणना फॉर्म जमा किए।
Published on:
05 Aug 2025 09:45 pm