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बिहार में कांग्रेस का किसने किया बुरा हाल? विधायक ने हाई कमान को सौंपे नाम, एक और खुलासे से सियासी हलचल तेज!

बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महज 6 सीटों पर सिमट गई। दिल्ली में हुई पहली समीक्षा बैठक में नेताओं ने खुलकर नाराजगी जताई।

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राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे। (फोटो- ANI)

बिहार चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई। जिसमें पार्टी केवल छह सीटों पर कब्जा जमाने में सफल रही। बुरी हार के बाद गुरुवार को दिल्ली में पहली रिव्यू मीटिंग हुई। जिसमें कई नेताओं की नारजगी उभरकर सामने आई।

बैठक में कई उम्मीदवारों ने टिकट बंटवारे में कमी, टिकटों की बिक्री और सहयोगियों के बीच मतभेद को चुनाव में हार का मुख्य कारण बताया। पार्टी हेडक्वार्टर में रिव्यू मीटिंग हुई। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सीनियर लीडर राहुल गांधी शामिल हुए।

अल्लावरू मीटिंग से गायब

कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी (ऑर्गनाइजेशन) के सी वेणुगोपाल और बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू रिव्यू मीटिंग से गायब थे।

सूत्रों के मुताबिक, बैठक में बिहार में जीते हुए कांग्रेस के छह विधायकों को अपना असेसमेंट पेश करने मौका दिया गया। उन्होंने खरगे और राहुल के सामने एक-एक कर अपनी बात रखी।

हारने वाले उम्मीदवारों से एकसाथ आने को कहा गया

इस बीच, हारने वाले सभी उम्मीदवारों को एकसाथ लीडरशिप से मिलने को कहा गया ताकि यह पता चल सके कि बिहार में कांग्रेस से कहां चूक हुई।

अररिया से चुने गए कांग्रेस विधायक अबिदुर रहमान ने हार पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने हाईकमान से उन लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की अपील की है, जिन्हें वे बिहार में कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार मानते हैं।

हार के लिए जिम्मेदार लोगों के सौंपे गए नाम

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, रहमान ने कहा- मैंने उन नेताओं के नाम सौंप दिए हैं जो बिहार में हार के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। मैं इस समय मीडिया को उनके बारे में नहीं बताना चाहता।

उन्होंने यह कहा भी कि सीमांचल इलाके से कांग्रेस के सबसे सीनियर नेताओं में से एक होने के बावजूद, उन्हें खुद शुरू में टिकट नहीं दिया गया था।

रहमान ने खुलासा किया कि टिकट बेचने के कई मामले सामने आए हैं और कई काबिल कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया गया।

उन्होंने कहा कि ऐसे फैसलों से कैडर का हौसला टूटता है। अगर पार्टी वोटरों के बीच अपनी क्रेडिबिलिटी फिर से बनाना चाहती है तो उसे इन मुद्दों का सीधे सामना करना होगा।

हार की ये वजह भी आई सामने

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कई उम्मीदवारों ने चुनाव में हार की वजह टिकट बंटवारे में गड़बड़ी, अंदरूनी गुटबाजी, उम्मीदवारों के बीच दोस्ताना लड़ाई और चुनाव से कुछ समय पहले पार्टी में शामिल हुए दलबदलुओं को टिकट देने का फैसला बताया।

कई नेताओं ने शिकायत की है कि पुराने कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करके नए लोगों को मौका दिया गया, जिनका जमीनी स्तर से कोई लेना-देना नहीं था।

नेताओं का यह भी कहना था कि राज्य स्तर पर तालमेल की कमी और दिल्ली से मिले-जुले संकेतों ने जमीन पर पार्टी की तैयारी को कमजोर कर दिया।