पीएम मोदी ने RSS के 100 साल पूरे होने पर जारी किया सिक्का और डाक टिकट (photo - BJP/X)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बुधवार को एक विशेष डाक टिकट और एक स्मारक सिक्का जारी किया, जिसमें भारतीय मुद्रा पर भारत माता की छवि अंकित है। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी भारतीय मुद्रा पर भारत माता की छवि अंकित की गई हो। इसको लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है और इसे संविधान का अपमान बताया है।
कांग्रेस ने कहा है कि आरएसएस ने ब्रिटिश शासनकाल मे अंग्रेजों की मदद की थी इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस संगठन को राष्ट्रीय प्रतीक से सम्मानित करना भारतीय संविधान का अपमान है। कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल बुधवार देर रात सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा "आरएसएस के सम्मान में एक स्मारक सिक्के और डाक टिकट जारी करना भारत के स्वतंत्रता संग्राम और संविधान का घोर अपमान है।"
उन्होंने कहा कि आरएसएस ऐसा संगठन है जिसने औपनिवेशिक काल में गोरे आकाओं का सक्रिय सहयोग किया और आज भी समाज में ज़हर फैलाने का काम कर रहा है। उनका कहना था कि ऐसे संगठन को सरकारी प्रतीक से सम्मानित करना इतिहास में एक काले दिन के रूप में देखा जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा "सरदार पटेल द्वारा प्रतिबंधित एक संगठन को आज भारत सरकार कैसे सम्मानित कर सकती है। जो लोग हमारे संविधान के पुनर्लेखन और डॉ. आंबेडकर द्वारा दिए गए सामाजिक न्याय के एजेंडे को नष्ट करने की वकालत करते हैं, उन्हें राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में कैसे सम्मानित किया जा सकता है।"
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में डाक टिकट और सिक्का जारी करना संविधान पर ‘गंभीर चोट और उसका अपमान’ है। माकपा के पोलित ब्यूरो ने कहा कि यह बेहद आपत्तिजनक है कि एक आधिकारिक सिक्के पर आरएसएस द्वारा प्रचारित हिंदू देवी ‘भारत माता’ की छवि अंकित है तथा 1963 के गणतंत्र दिवस परेड में वर्दीधारी आरएसएस स्वयंसेवकों को दिखाने वाला डाक टिकट भी गलत इतिहास को दर्शाना है।
वामपंथी पार्टी ने कहा, "आरएसएस की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ मनाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा डाक टिकट और 100 रुपये का सिक्का जारी करना भारत के संविधान पर एक गंभीर चोट और अपमान है जिसे आरएसएस ने कभी स्वीकार नहीं किया।" बयान में कहा गया है, "यह बेहद आपत्तिजनक है कि एक आधिकारिक सिक्के पर एक ऐसी देवी की 'भारत माता' के रूप में छवि अंकित हो, जिसे आरएसएस अपने हिंदुत्ववादी राष्ट्र की सांप्रदायिक अवधारणा के प्रतीक के रूप में प्रचारित करता आया है।"
Published on:
02 Oct 2025 07:35 am
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